बिहार उपचुनाव से लिए आयोजित एक जनसभा के दौरान सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मंच साझा किया
बिहार में प्रचार करने पहुंचे ओपी राजभर : नीतीश कुमार के साथ साझा किया मंच, NDA की क्या है रणनीति?
Nov 09, 2024 17:25
Nov 09, 2024 17:25
- बिहार में प्रचार करने पहुंचे ओपी राजभर
- नीतीश कुमार के साथ साझा किया मंच
- 48 लाख वोटरों पर नजर
वोटरों को साधरने की कोशिश
ओमप्रकाश राजभर अब बिहार में अपनी पार्टी की पैठ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सुभासपा ने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन तब पार्टी ने ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट का हिस्सा बनकर चुनाव लड़ा था।
बिहार में राजभर, रजवार, राजवंशी वोटरों की तादाद ज्यादा है, ओमप्रकाश राजभर उन्हें ही साधने की कोशिश में है। हाल ही में उन्होंने नवादा में अपनी पार्टी के 22वें स्थापना दिवस पर बड़ी रैली आयोजित की थी और 2025 के विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूत करने का वादा किया था।
48 लाख वोटरों पर नजर
बिहार में लगभग 48 लाख रजवार, राजवंशी और राजभर बिरादरी के वोटर हैं, जो कई महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में अपना असर डाल सकते हैं। इनमें बाल्मीकि नगर, रामनगर, नरकटियागंज, बगहा, सीतामढ़ी, मधुबनी, झंझारपुर, कटिहार और दरभंगा जैसे क्षेत्रों में इन वोटरों की संख्या महत्वपूर्ण है। ओमप्रकाश राजभर ने इस समुदाय को अपनी पार्टी का आधार बनाया है और इन क्षेत्रों में अपनी रैलियों के जरिए पार्टी की पकड़ मजबूत करने का लक्ष्य रखा है। राजभर का कहना है कि बिहार में इन बिरादरी के लोगों के लिए कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है, और वे अपनी पार्टी के माध्यम से इस खाई को भरने की योजना बना रहे हैं।
एनडीए के लिए फायदे का सौदा
ओमप्रकाश राजभर ने साफ संकेत दिया है कि यदि बीजेपी और एनडीए बिहार में उन्हें साथ लेना चाहते हैं, तो वह इसका स्वागत करेंगे। रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी के नेता अशोक कुमार सिंह के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इससे राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि बिहार में सुभासपा भविष्य में एनडीए का हिस्सा बन सकती है। अगर ऐसा होता है, तो यह एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने कहा कि उनकी पार्टी बिहार में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रही है। बिहार के 32 जिलों में पार्टी का संगठन मजबूत हो चुका है और इसके साथ ही पार्टी छोटी-बड़ी सभाओं के जरिए अपने प्रभाव को बढ़ा रही है। राजभर ने कहा कि सुभासपा ने अपने समाज के बीच काम करते हुए राजनीतिक ताकत बनाई है, और अब पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। उनका उद्देश्य बिहार में अपने समुदाय के लिए एक मजबूत राजनीतिक उपस्थिति बनाना है।
नवादा रैली में दिए संकेत
सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर नीतीश कुमार की नीतियों के भी समर्थक रहे हैं। उन्होंने बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति का भी खुलकर समर्थन किया था। उन्होंने नवादा में आयोजित रैली में कहा कि नीतीश कुमार ने इस नीति को अच्छी नीयत से लागू किया था, हालांकि इसमें कुछ खामियां भी हैं, जिनको सुधारने की आवश्यकता है। ओमप्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि वह उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ हैं, लेकिन बिहार में भी एनडीए के साथ गठबंधन करके राज्य की राजनीति में अपनी उपस्थिति मजबूत करना चाहते हैं।
2004 में शुरू किया था सफर
सुभासपा ने 2004 से बिहार में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी और धीरे-धीरे राज्य में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। पार्टी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था और अब 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी कर रही है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि बिहार में उनकी पार्टी का संगठन पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुका है और अब पार्टी पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरेगी।
भाजपा प्रत्याशी को समर्थन
बिहार में चल रहे उपचुनाव में सुभासपा ने एनडीए को अपना समर्थन दिया है और पार्टी के कार्यकर्ता विभिन्न क्षेत्रों में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सुभासपा के प्रवक्ता अरविंद राजभर ने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता ग्रामीण स्तर पर चौपालें आयोजित कर रहे हैं और मतदाताओं से एनडीए के उम्मीदवारों को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि भविष्य में 2025 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी और एनडीए को सहयोग प्रदान करेगी।
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