उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 6 सितंबर 2014 को तकनीकी ग्रेड-II (इलेक्ट्रिकल) के 2,211 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला : इंटरव्यू के समय CCC सर्टिफिकेट वाले उम्मीदवारों को बर्खास्त नहीं किया जा सकता, UPPCL को दिया निर्देश
Nov 12, 2024 12:39
Nov 12, 2024 12:39
2,211 पदों पर निकले थे आवेदन
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 6 सितंबर 2014 को तकनीकी ग्रेड-II (इलेक्ट्रिकल) के 2,211 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। इस विज्ञापन में एक महत्वपूर्ण शर्त यह थी कि आवेदकों के पास कंप्यूटर साक्षरता का प्रमाणपत्र होना चाहिए। इसके बाद 14 जुलाई 2015 को एक चयन सूची जारी की गई, जिसमें वे उम्मीदवार शामिल थे जिन्होंने इंटरव्यू में सफलता प्राप्त की थी और जिनके पास आवश्यक सर्टिफिकेट था। इन उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र भी दिए गए थे।
उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
कुछ असफल उम्मीदवारों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें उन्होंने यह दावा किया कि चयन सूची में शामिल किए गए उन उम्मीदवारों को बाहर किया जाए जिनके पास 30 सितंबर 2014 के बाद CCC सर्टिफिकेट था, यानी जिनके पास आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि तक प्रमाणपत्र नहीं था। इस दावे के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 7 अक्टूबर 2017 को आदेश जारी किया कि चयन सूची में केवल उन्हीं उम्मीदवारों को रखा जाए जिन्होंने इंटरव्यू के समय CCC सर्टिफिकेट पेश किया था।
हाईकोर्ट का आदेश और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
इलाहाबाद हाईकोर्ट के एकल जज के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने उन उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द कर दी, जिनके पास आवश्यक सर्टिफिकेट नहीं था। इसके खिलाफ कई उम्मीदवारों ने रिट याचिका दायर की और अदालत से यह मांग की कि चयन सूची को फिर से बहाल किया जाए और उन उम्मीदवारों को बहाल किया जाए जो इंटरव्यू के समय CCC सर्टिफिकेट के साथ उपस्थित हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और पाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एकल जज के आदेश की गलत व्याख्या की थी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उन उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करना जिनके पास इंटरव्यू के समय CCC सर्टिफिकेट था गलत था। इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन उम्मीदवारों को बहाल करने का आदेश दिया।
कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन उम्मीदवारों के पास इंटरव्यू की तिथि पर CCC सर्टिफिकेट था और जो मुख्य चयन सूची का हिस्सा थे उन्हें बहाल किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि उन्हें मुख्य चयन सूची के अनुसार उनकी स्थिति के अनुसार वरिष्ठता सूची में स्थान पाने का हकदार होना चाहिए। न्यायालय ने यह माना कि जिन उम्मीदवारों ने आवश्यक प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया और चयन प्रक्रिया के दौरान उनके चयन की प्रक्रिया पूरी की गई वे अपनी सेवाओं से वंचित नहीं किए जा सकते।
ये भी पढ़ें : 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, चार साल से न्याय की प्रतीक्षा में आरक्षित अभ्यर्थी
कंप्यूटर साक्षरता सर्टिफिकेट का महत्व
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने तकनीकी ग्रेड-II के पदों पर नियुक्ति के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त रखी थी कि उम्मीदवारों के पास DOEACC (अब NIELIT) द्वारा जारी किया गया CCC सर्टिफिकेट होना चाहिए। यह सर्टिफिकेट कंप्यूटर साक्षरता का प्रमाण था और इसे 80 घंटे के कोर्स के बाद प्राप्त किया जा सकता था। संशोधित विनियमों के अनुसार, यह सर्टिफिकेट इंटरव्यू के समय प्रस्तुत किया जाना आवश्यक था। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात को स्पष्ट किया कि CCC सर्टिफिकेट ही एकमात्र मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र है और इसे प्रस्तुत किए बिना चूने हुए उम्मीदवारों की सेवाएं समाप्त नहीं की जा सकती। जिन उम्मीदवारों के पास इंटरव्यू के समय यह प्रमाणपत्र था उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जा सकता था भले ही वे आवेदन करने की अंतिम तिथि से कुछ समय बाद सर्टिफिकेट प्राप्त कर चुके हों।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिन उम्मीदवारों के पास इंटरव्यू की तिथि पर CCC सर्टिफिकेट था उन्हें अपनी स्थिति के अनुसार वरिष्ठता सूची में स्थान मिलेगा और उनकी सेवाओं को बहाल किया जाएगा। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया कि उम्मीदवारों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होना चाहिए और उन्हें उन सभी लाभों का अधिकार होना चाहिए जो चयन प्रक्रिया के दौरान उन्हें मिलते हैं।
Also Read
14 Nov 2024 08:08 PM
भारत मंडपम में बुधवार से शुरू हुए अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर अपनी ताकत और विकास की दिशा को साबित किया है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश को 'पार्टनर स्टेट' के रूप में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है... और पढ़ें