पूजा खेडकर की आईएएस नौकरी समाप्त : फर्जी दस्तावेजों के कारण UPSC ने लिया सख्त फैसला, ये IAS भी विवादों में... 

फर्जी दस्तावेजों के कारण UPSC ने लिया सख्त फैसला, ये IAS भी विवादों में... 
UPT | पूजा खेडकर

Jul 31, 2024 17:55

यूपीएससी ने सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में पूजा खेडकर को दोषी पाया है। सीएसई-2022 के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है...

Jul 31, 2024 17:55

New Delhi : यूपीएससी ने प्रशिक्षु IAS अधिकारी पूजा खेडकर को उनकी सेवा से हटा दिया है। पूजा खेडकर अभी प्रोबेशन पर थीं, लेकिन उसे स्थायी नियुक्ति से पहले ही नौकरी से बाहर कर दिया गया है। उन्हें फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके नौकरी पाने का आरोप लगाया गया था। यूपीएससी ने सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में पूजा खेडकर को दोषी पाया है। सीएसई-2022 के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उन्हें भविष्य में यूपीएससी की सभी परीक्षाओं और चयनों से भी स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है। इस तरह पूजा खेडकर अब न IAS रहीं न भविष्य में कभी आईएएस बन पाएंगी।

फर्जी दस्तावेजों से बनी थी IAS
पूजा खेडकर ने 2022 की UPSC परीक्षा पास की थी और उन्हें महाराष्ट्र में ट्रेनी IAS के रूप में तैनात किया गया था। हालांकि, अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान पूजा ने अजीब डिमांड रखनी शुरू कर दी थी, जिससे विवाद बढ़ गया था। इस विवाद के कारण उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया था। इसके अलावा, जांच में यह भी सामने आया कि पूजा ने ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर के आरक्षण का लाभ उठाने के लिए गलत दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। उन्होंने न केवल अपना नाम, बल्कि अपने माता-पिता के नाम भी बदल दिए थे ताकि आरक्षण का लाभ मिल सके और UPSC परीक्षा में अतिरिक्त मौका मिल सके।

जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस
इस मामले में यूपीएससी ने पूजा खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। पूजा को 25 जुलाई तक नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने 4 अगस्त तक का समय मांगा, यह कहते हुए कि वे इस अवधि में आवश्यक दस्तावेज जुटा लेंगी। यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई को दोपहर 3:30 बजे तक जवाब देने का अंतिम समय दिया था, लेकिन जब तक जवाब प्राप्त नहीं हुआ, तब तक यूपीएससी ने उन्हें सेवा से बाहर करने का फैसला किया।



जवाब नहीं मिला पर UPSC ने लिया सख्त फैसला
यूपीएससी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अगर निर्धारित समय तक जवाब नहीं मिला, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने पूजा खेडकर को CSE-2022 परीक्षा के मानकों का उल्लंघन करने का दोषी पाया और कहा कि उन्होंने गलत दस्तावेजों के माध्यम से अतिरिक्त मौका प्राप्त किया। इस प्रकार, यूपीएससी ने भविष्य में भी पूजा खेडकर के किसी भी परीक्षा में बैठने पर रोक लगा दी है।

IAS अभिषेक सिंह की नियुक्ति पर उठे सवाल
ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के विवादों के बाद अब IAS अभिषेक सिंह पर भी सवाल उठ रहे हैं। सोशल मीडिया पर उनके जिम और डांस करने के वीडियो वायरल होने के बाद आरोप लगाया गया है कि उन्होंने विकलांग कोटे से UPSC में सिलेक्शन के लिए फर्जी प्रमाणपत्र का उपयोग किया। लोगों का कहना है कि अभिषेक सिंह दिव्यांग कोटे से IAS बने, लेकिन उनकी दिव्यांगता का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। इन आरोपों के जवाब में अभिषेक सिंह ने सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी भी आरक्षण का लाभ नहीं लिया और अपने चयन को पूरी तरह से वैध बताया। अभिषेक सिंह ने अक्टूबर 2023 में इस्तीफा दे दिया था।

IAS प्रफुल्ल देसाई भी आए थे सवालों के घेरे में
हाल ही में आईएएस अधिकारी प्रफुल्ल देसाई भी विवादों का घेरे में आए थे। दरअसल, उन्होंने UPSC परीक्षा में EWS और ऑर्थोपेडिकली हैंडीकैप्ड श्रेणी में AIR 532 प्राप्त की थी। हालांकि, उनके सोशल मीडिया पर साइकिल चलाते, टेनिस खेलते, राफ्टिंग करते और घुड़सवारी करते हुए तस्वीरें सामने आने के बाद उनकी योग्यता पर सवाल उठने लगे। कई यूजर्स ने पूछा कि जो व्यक्ति इतनी शारीरिक गतिविधियां कर सकता है, वह दिव्यांग कोटे से कैसे चयनित हो सकता है। हालांकि, इन आरोपों के जवाब में, प्रफुल्ल देसाई अपनी सफाई दे चुके हैं। 

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