उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था चुनने का विकल्प दे दिया है।
यूपी के कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन : 31 अक्टूबर तक मिलेगा चुनने का विकल्प, लेकिन पूरी करनी होगी ये शर्त
![31 अक्टूबर तक मिलेगा चुनने का विकल्प, लेकिन पूरी करनी होगी ये शर्त](https://image.uttarpradeshtimes.com/old-pension-uttar-pradesh-97308.jpg)
Jun 30, 2024 20:02
Jun 30, 2024 20:02
- यूपी के कर्मचारियों को मिलेगी पुरानी पेंशन
- 31 अक्टूबर तक मिलेगा चुनने का विकल्प
- 50 हजार कर्मचारियों को होगा फायदा
लंबे समय से मांग कर रहे थे कर्मचारी
दरअसल यूपी सरकार ने यह प्रावधान किया था कि 1 अप्रैल 2005 या उसके बाद कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के दायरे में होंगे। लेकिन इस नियम में एक झोल ये था कि कई कर्मचारी ऐसे थे, जिनकी नियुक्ति एक अप्रैल 2005 को या उसके बाद हुई, लेकिन नियुक्ति के लिए पद का विज्ञापन एनपीएस लागू किए जाने संबंधी अधिसूचना जारी होने की तिथि 28 मार्च 2005 से पूर्व प्रकाशित हो चुका था। ऐसे कर्मचारी लंबे समय से ये मांग कर रहे थे कि उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।
इन कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार ने ऐसे सभी कर्मियों की मांग पूरी कर दी है। यही योजना का लाभ पाने की एक शर्त भी है। मतलब ये कि ऐसे सभी कर्मी, जिनकी नियुक्ति का विज्ञापन 28 मार्च 2005 से पूर्व प्रकाशित हो चुका था, वह अब पुरानी पेंशन पाने के लिए पात्र होंगे। ऐसे कर्मचारियों को 31 अक्टूबर 2024 तक पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प दिया गया है। इसका फायदा 50 हजार से अधिक कर्मचारियों को होगा।
कैबिनेट ने मंजूर किया प्रस्ताव
योगी कैबिनेट ने ओपीएस को विकल्प के तौर पर चुनने से जुड़े प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। शासनादेश के मुताबिक जो कर्मचारी उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनीफिट्स रूल्स 1961 की शर्तें पूरी करते हैं और प्रशासकीय विभाग का अनुमोदन प्राप्त करते हैं, उनके लिए नियुक्ति अधिकारी एक आदेश जारी करेंगे। इस आदेश के बाद अगले महीने से कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के अंशदान की कटौती बंद हो जाएगी। ओपीएस चुनने वाले कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) खाते 30 जून 2025 को बंद कर दिए जाएंगे। इन खातों में जमा कर्मचारी का अंशदान उनके सामान्य भविष्य निधि खाते में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि सरकारी अंशदान राजकोष में जमा होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि 31 अक्तूबर तक विकल्प नहीं चुनने वाले कर्मचारी स्वतः ही एनपीएस के दायरे में आ जाएंगे। यह नई व्यवस्था कर्मचारियों को पेंशन योजना के चयन में अधिक विकल्प देती है, साथ ही सरकार को वित्तीय प्रबंधन में मदद करती है।
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