भारत के स्टार्टअप क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास देखा जा रहा है, जिसमें पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 1.4 लाख से अधिक हो गई है। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में दी।
बदलता उत्तर प्रदेश : स्टार्टअप के मामले में गुजरात से आगे निकला यूपी, देश में 1.4 लाख रजिस्टर्ड ऐसे उद्यम
Jul 27, 2024 16:47
Jul 27, 2024 16:47
- 2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत
- उत्तर प्रदेश को मिला चौथा स्थान
- यूपी को स्टार्टअप हब बनाने पर फोकस
2016 में हुई थी स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत
16 जनवरी, 2016 को 'स्टार्टअप इंडिया' की शुरुआत की गई थी। इस पहल का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और देश में एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है। 'स्टार्टअप इंडिया एक्शन प्लान' में 19 महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं, जो सरलीकरण, वित्तीय समर्थन, और उद्योग-शिक्षा साझेदारी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। सरकार ने स्टार्टअप के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें 'स्टार्टअप इंडिया: आगे का रास्ता' योजना शामिल है, जो व्यापार सुगमता, प्रौद्योगिकी का उपयोग, और डिजिटल आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसके अलावा, सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये के फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स (एफएफएस) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य स्टार्टअप की वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है।
उत्तर प्रदेश को मिला चौथा स्थान
मंत्री के मुताबिक, यह पहल न केवल स्टार्टअप को प्रारंभिक, बीज, और विकास चरणों में पूंजी प्रदान करती है, बल्कि घरेलू पूंजी जुटाने और विदेशी पूंजी पर निर्भरता कम करने में भी मदद करती है। सरकार का लक्ष्य है कि भारत वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख स्टार्टअप हब बने। डीपीआईआईटी निगरानी एजेंसी है और भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एफएफएस के लिए परिचालन एजेंसी है। जितिन प्रसाद द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने 13,299 पंजीकृत स्टार्टअप के साथ देश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। यह आंकड़ा राज्य के युवाओं में उद्यमशीलता की बढ़ती भावना और नवाचार के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है।
यूपी को स्टार्टअप हब बनाने पर फोकस
यूपी सरकार ने भी स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 ने राज्य में उद्यमशीलता के माहौल को और बेहतर बनाया है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार ने इन्क्यूबेटरों की स्थापना, वित्तीय सहायता, और मेंटरशिप कार्यक्रमों जैसी विभिन्न सुविधाएं प्रदान की हैं। उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप का विकास विभिन्न क्षेत्रों में हो रहा है, जिनमें कृषि प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, और फिनटेक प्रमुख हैं। नोएडा और लखनऊ जैसे शहर स्टार्टअप के लिए प्रमुख केंद्र बन गए हैं, जहां नवीन विचारों और प्रौद्योगिकियों का विकास हो रहा है। भविष्य में, उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष तीन स्टार्टअप हब में शामिल हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार स्टार्टअप के लिए और अधिक सहायक नीतियां लाने, अधिक इन्क्यूबेशन केंद्र स्थापित करने, और राज्य में उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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