Waqf Board :  वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों और महिलाओं की एंट्री, ये होंगे 10 सबसे बड़े बदलाव

वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों और महिलाओं की एंट्री, ये होंगे 10 सबसे बड़े बदलाव
UPT | Waqf Board

Aug 09, 2024 16:29

देश भर में वक्फ बोर्ड को लेकर चर्चा जोरों पर है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया गया जिसका जिसके बाद  विपक्ष ने जमकार विरोध किया...

Aug 09, 2024 16:29

New Delhi News : देश भर में वक्फ बोर्ड को लेकर चर्चा जोरों पर है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 को लोकसभा में पेश किया गया, जिसके बाद विपक्ष ने जमकार विरोध किया। सरकार का दावा है कि इस संशोधन में वक्फ बोर्ड के कानूनों को आधुनिक, लोकतांत्रिक और गरीब मुसलमानों के हितों के अनुरूप बनाने की कोशिश की गई है। संशोधन बिल 2024 के जरिए सरकार 44 संशोधन करने जा रही है, तो आइए वक्फ में होने वाले दस बड़े बदलावों पर एक नजर डालते है...

1- पूर्व जज की नियुक्ति का प्रस्ताव
नए वक्फ बोर्ड बिल में केंद्रीय और राज्यों के वक्फ बोर्ड में एक पूर्व जज को नियुक्त किये जाने का प्रस्ताव है। इस समय मानवाधिकार आयोग सहित कई बड़ी संस्थाओं के चेयरमैन के रूप में एक रिटायर्ड जज को नियुक्त किया जाता है। अब केंद्रीय वक्फ काउंसिल के मामले में भी इसी मॉडल को अपनाया जाएगा। इससे वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता और बेहतरी आएगी।    

2- स्थानीय जनप्रतिनिधि भी होगा 
केंद्र और राज्य के वक्फ बोर्ड में क्षेत्र का स्थानीय जनप्रतिनिधि (सांसद या विधायक) भी एक सदस्य होगा। वह किसी भी धर्म-समुदाय का हो सकता है। इस तरह वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों का प्रवेश होगा। मुसलमानों की राजनीति करने वाले राजनीतिक दल इसका विरोध कर सकते हैं। 

3- दो महिलाओं का होना जरूरी
केंद्र सरकार ने केंद्रीय वक्फ बोर्ड सहित राज्यों के वक्फ बोर्ड में दो-दो महिलाओं को अनिवार्य रूप से नियुक्त करने का प्रावधान किया है। इससे महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी और उन्हें सशक्त करने में मदद मिलेगी। 

4-  प्रशिक्षित अधिकारियों को गिया जाएगा शामिल 
वक्फ बोर्ड के कार्यकलाप को बेहतर बनाने के लिए प्रशिक्षित अधिकारियों को शामिल करने की बात कही गई है। इससे वक्फ बोर्ड के कामकाज में बेहतरी आएगी और वक्फ के मामले अनावश्यक रूप से कानूनी पचड़ों में नहीं फंसेंगे। 

5- जानकारी डिजिटल की जाएगी
आधुनिक तकनीकी का उपयोग करके वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की पूरी जानकारी डिजिटल की जाएगी। इससे वक्फ की संपत्तियों को किसी दूसरे के द्वारा कब्जा नहीं किया जा सकेगा। वक्फ की संपत्तियों के डिजिटलीकरण होने से इस तरह के अपराध रुकेंगे।  

6- छह महीने के अंदर निर्णय देना होगा 
वक्फ बोर्ड से संबंधित विवादों के मामले में काउंसिल को छह महीने के अंदर निर्णय देना अनिवार्य होगा। अपील करने के लिए अधिकतम तीन महीने का समय दिया गया है। इस समय केंद्र से लेकर राज्यों तक हजारों केस वक्फ बोर्ड के पास लंबित हैं। इससे उन गरीब लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता है, जो अपनी जमीन को वक्फ के कब्जे से मुक्त कराना चाहते हैं, या उस पर अपना कब्जा वापस पाना चाहते हैं। 

7- जिले के कलेक्टर को अधिकार
इस बिल के प्रस्तावित बदलाव के अनुसार, अब जिले के कलेक्टर को यह बताने का अधिकार होगा कि कोई प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड की है, या नहीं। जिलाधिकारी किसी जमीन के वक्फ बोर्ड या सरकारी जमीन होने की आधिकारिक जानकारी दे सकेगा। चूंकि, जिलाधिकारी ही जमीनों के मामले में जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है, और उसके पास संबंधित विभागों के माध्यम से किसी जमीन की असली हैसियत पता रहती है, माना जा रहा है कि इस बदलाव के बाद किसी जमीन को गैरकानूनी तरीके से वक्फ बोर्ड की नहीं बताया जा सकेगा। 

8-  शिया, सुन्नी, बोहरा के लिए प्रावधान
वर्तमान वक्फ बोर्डों के अंदर ही शिया, सुन्नी, बोहरा और अहमदिया समुदायों (सभी मुसलमान समुदाय के उपवर्ग हैं) के लिए प्रावधान करने की बात कही गई है। इससे मुस्लिम समुदाय के उपेक्षित वर्ग भी मजबूत होंगे। लेकिन इससे विभिन्न इस्लामिक वर्गों में विवाद बढ़ सकता है। इसकी शुरुआत बिल को पेश करने के समय ही हो गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सुन्नी जमात ने वक्फ बोर्ड में किसी बदलाव को स्वीकार न करने की बात कही है, जबकि सूफी समुदाय के लोगों ने अभी से बदलाव का स्वागत करना शुरू कर दिया है। यह मतभेद आगे भी बढ़ सकता है।

9- वक्फ की संपत्ति-लेनदेन का सीएजी ऑडिट
अब केंद्र सरकार कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया के माध्यम से वक्फ बोर्ड के सभी लेनदेन का ऑडिट करा सकेगी। इससे वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता आ सकेगी।   

10- वक्फनामा से करनी होगी घोषणा
अब यदि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ को दान करना चाहता है, तो उसे वक्फनामा बनाकर लिखित तौर पर इसकी घोषणा करनी पड़ेगी। अब तक मौखिक रूप से भी यह कहकर अपनी संपत्ति वक्फ को दान दी जा सकती है। आरोप है कि कई बार गरीब मुसलमानों की संपत्ति को हड़पने के लिए वक्फ बोर्ड के कुछ अधिकारियों के द्वारा यह मौखिक रूप से कह दिया जाता है कि अमुक व्यक्ति ने अपनी संपत्ति वक्फ को दान देने के लिए कह दिया था। 

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