उत्तर प्रदेश के बुंदलेखंड क्षेत्र में पानी का समस्या हमेशा से रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र का झांसी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट में जल की समस्या अत्यधिक गंभीर है। यह क्षेत्र कम वर्षा और सूखे की स्थिति के लिए जाना जाता है...
जिंदगी दुश्वार : उत्तर प्रदेश के इन जिलों में जल संकट, जानिए कैसे दिन काट रहे लोग
Jun 16, 2024 22:01
Jun 16, 2024 22:01
इन जिलों में है पानी की समस्या
उत्तर प्रदेश के बुंदलेखंड क्षेत्र में पानी का समस्या हमेशा से रही है। बुंदेलखंड क्षेत्र का झांसी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट में जल की समस्या अत्यधिक गंभीर है। यह क्षेत्र कम वर्षा और सूखे की स्थिति के लिए जाना जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर,अलीगढ़, बागपत भूजल स्तर में गिरावट के कारण जल संकट से प्रभावित है। अगर बात पूर्वी उत्तर प्रदेश की करें, तो आजमगढ़, जौनपुर,गोरखपुर,वाराणसी, प्रयागराज में जल संकट पश्चिमी और बुंदेलखंड क्षेत्र जितना गंभीर नहीं है, फिर भी कुछ जिले प्रभावित हैं। वहीं मध्य उत्तर प्रदेश में कानपुर, रायबरेली, उन्नाव यहां भी जल संकट देखा जाता है। तराई क्षेत्र के बहराइच और लखीमपुर खीरी में गर्मी के मौसम के दौरान जल संकट देखा जाता है।
क्षेत्र | जिले | समस्या का कारण |
---|---|---|
बुंदेलखंड क्षेत्र | झांसी, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा, चित्रकूट | कम वर्षा और सूखे की स्थिति |
पश्चिमी उत्तर प्रदेश | मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़, बागपत | भूजल स्तर में गिरावट |
पूर्वी उत्तर प्रदेश | आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज
|
जल संकट कम गंभीर लेकिन कुछ जिले प्रभावित |
मध्य उत्तर प्रदेश
|
कानपुर, रायबरेली, उन्नाव | जल संकट |
तराई क्षेत्र | बहराइच, लखीमपुर खीरी
|
गर्मी के मौसम के दौरान जल संकट |
इन नदियों पर निर्भर यूपी वाले
गंगा नदी उत्तर प्रदेश की प्रमुख नदियों में से एक है और इसके पानी का उपयोग कई शहरों और गांवों में पीने के पानी के लिए किया जाता है। वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहर गंगा नदी पर निर्भर हैं। यमुना नदी भी उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण है। आगरा, मथुरा और नोएडा जैसे शहर यमुना के पानी का उपयोग करते हैं। हालांकि, यमुना नदी का पानी दिल्ली से होकर गुजरने के बाद प्रदूषित हो जाता है, फिर भी इसका उपयोग कई क्षेत्रों में किया जाता है।
नदी निर्भर शहर / क्षेत्र कारण
गंगा नदी वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज पीने के पानी के लिए महत्वपूर्ण स्रोत
यमुना नदी आगरा, मथुरा, नोएडा दिल्ली से गुजरने के बाद प्रदूषित, फिर भी उपयोगी
लखनऊ में गोमती नदी मुख्य जल स्रोत
गोमती नदी लखनऊ शहर के लिए मुख्य जल स्रोत है। लखनऊ में गोमती नदी का पानी पीने के लिए और अन्य घरेलू कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है। यह नदी उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के कई जिलों में पीने के पानी का स्रोत है। बलिया और गोरखपुर जैसे शहर इसके पानी पर निर्भर हैं। राप्ती नदी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में महत्वपूर्ण है और इसके किनारे बसे गांव और कस्बे इसके पानी का उपयोग करते हैं। वहीं बुंदेलखंड क्षेत्र के कई हिस्सों में केन नदी का पानी पीने और घरेलू कार्यों के लिए इस्तेमाल होता है। बुंदेलखंड क्षेत्र में बेतवा नदी भी एक महत्वपूर्ण जल स्रोत है। गंडक नदी भी पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में पीने के पानी का स्रोत है।
क्यों है पानी की समस्या
उत्तर प्रदेश में पानी की कमी का एक बड़ा कारण है प्रदूषण। उत्तर प्रदेश में छोटी बड़ी कुल 37 नदियां है। लेकिन यह नदियां गंदी होने के कारण पीने योग्य पानी लोगों तक नहीं पहुंच पाता है। कानपुर औद्योगिक शहर है। शहर का गंदा पानी नालों के रास्ते नदियों में जाता है और पानी गंदा कर देता है। इसी तरह आगरा में भी लोग खारा पानी पीने को मजबूर है।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने फरवरी 2024 में गंगा, यमुना समेत प्रदेश की सभी नदियों की रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट से भी आप आसानी से समझ सकते हैं कि आखिर यूपी में जल संकट क्यों है। इसका एक जबाब है प्रदूषण। इस रिपोर्ट में भी बताया गया है कि प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में गंगा सबसे अधिक प्रदूषित है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में राज्य की 13 नदियों को शामिल किया गया था। सबसे ज्यादा 40 नमूने गंगा नदी के ही हैं। सिर्फ कानपुर ही नहीं बल्कि वाराणसी, गाजीपुर, कन्नौज, मिर्जापुर, सोनभद्र और बलिया में भी गंगा का पानी इंसानों, जानवरों और फसलों के लायक नहीं है। इसी तरह वाराणसी में गोमती नदी में मिलने से पहले भुसावल और जमनिया गंगा ब्रिज का पानी भी प्रदूषित है।
इन जिलों में ठीक है पानी की आपूर्ति
उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में जल संकट गंभीर है, जबकि कुछ जिलों में पानी की आपूर्ति बेहतर है। उनमें लखनऊ पहले स्थान पर है। राजधानी होने के कारण जल आपूर्ति में प्राथमिकता दी जाती है। वाराणसी, धार्मिक और पर्यटन स्थल होने के कारण जल आपूर्ति पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जल शोधन संयंत्र भी मौजूद हैं। प्रयागराज में भी संगम स्थल होने के कारण जल आपूर्ति की व्यवस्था अच्छी है। गोरखपुर को राप्ती नदी से पानी मिलता है। यहां जल आपूर्ति व्यवस्था संतोषजनक है।
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