WhatsApp पर बड़ा एक्शन : जानकारी न देने पर गुरुग्राम पुलिस ने निदेशकों के खिलाफ दर्ज किया केस

जानकारी न देने पर गुरुग्राम पुलिस ने निदेशकों के खिलाफ दर्ज किया केस
UPT | वॉटसऐप

Sep 29, 2024 14:07

गुरुग्राम पुलिस ने जानकारी ना देने पर वॉटसऐप के निदेशकों और नोडल अधिकारी पर केस दर्ज किया है। गुरुग्राम पुलिस ने 17 जुलाई को वॉटसऐप को ईमेल पर नोटिस भेजकर जानकारी मांगी थी।

Sep 29, 2024 14:07

New Delhi News : भारत में करोड़ों लोग WhatsApp का उपयोग करते हैं, लेकिन हाल के दिनों में इस पॉपुलर मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल साइबर ठगों ने बैंकों से जुड़ी धोखाधड़ी के लिए भी किया है। कई लोगों के बैंक खातों को खाली करने के मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है। इस परिस्थिति के बीच हरियाणा के गुरुग्राम पुलिस ने WhatsApp से जानकारी मांगने का प्रयास किया, लेकिन कंपनी ने कोई जानकारी नहीं दी। इसके बाद पुलिस ने WhatsApp के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

इस मामले में मांगी गई जानकारी
गुरुग्राम पुलिस के अनुसार, एक साइबर अपराध के मामले की जांच के दौरान पुलिस ने WhatsApp से संबंधित जानकारी मांगी थी। 17 जुलाई 2023 को, पुलिस ने ईमेल के माध्यम से WhatsApp को एक आधिकारिक नोटिस भेजा था, जिसमें कुछ मोबाइल नंबरों की जानकारी और संदेशों के रिकॉर्ड की मांग की गई थी। हालांकि, WhatsApp ने इस नोटिस का जवाब नहीं दिया और जानकारी प्रदान करने से इनकार कर दिया। WhatsApp ने अपनी असहमति जाहिर करते हुए पुलिस के अनुरोध को गैरकानूनी बताते हुए कोई जानकारी नहीं दी।

पुलिस ने कई बार किया अनुरोध
इसके बाद पुलिस ने 25 जुलाई को फिर से एक ईमेल भेजा और पुनः WhatsApp से संबंधित मोबाइल नंबरों की जानकारी मांगी। इस बार भी, WhatsApp ने पुलिस के इस अनुरोध को अनदेखा कर दिया और 28 अगस्त तक कोई जवाब नहीं दिया। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, कंपनी ने किसी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया।

WhatsApp पर गंभीर आरोप
WhatsApp के इस गैर-पेशेवर और गैर-सहयोगी रवैये के कारण, पुलिस ने संदेह जताया कि आरोपी WhatsApp का फायदा उठा रहे हैं और इससे जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके बाद, 30 सितंबर 2023 को गुरुग्राम के साइबर क्राइम ईस्ट पुलिस स्टेशन में WhatsApp के निदेशकों और नोडल अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 223(ए), 241, 249(सी) बीएनएस और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।

कानूनी निर्देशों का उल्लंघन
पुलिस का कहना है कि भारतीय कानूनों के तहत, WhatsApp जैसी कंपनियों को सरकारी जांच में सहयोग करना और मांगी गई जानकारी प्रदान करना अनिवार्य है। लेकिन WhatsApp ने जानकारी न देकर कानूनी निर्देशों का उल्लंघन किया है। इस मामले में पुलिस का कहना है कि WhatsApp के इस रवैये से जांच प्रभावित हो रही है, जिससे अपराधियों को लाभ मिल सकता है।

WhatsApp और साइबर अपराध
पिछले कुछ वर्षों में, WhatsApp और अन्य मैसेजिंग प्लेटफार्मों का उपयोग साइबर ठगों द्वारा कई तरह के ऑनलाइन धोखाधड़ी और ठगी के लिए किया जा रहा है। ठग WhatsApp के जरिए लोगों को फर्जी पार्ट-टाइम जॉब, निवेश योजनाओं और लॉटरी जैसे लालच में फंसाकर उनका आर्थिक शोषण कर रहे हैं। कई मामलों में लोगों को फर्जी जॉब ऑफर देकर ठगते हैं और उनसे बड़ी रकम ऐंठ लेते हैं। बीते दो सालों में इस तरह की धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों के बैंक खातों से लाखों रुपये गायब हो चुके हैं। जब तक कंपनियां सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं करतीं, तब तक ऐसे अपराधों पर पूरी तरह से लगाम लगाना मुश्किल है।

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