यमुना एक्सप्रेस-वे : पैदल चलने पर है रोक फिर भी 12 वर्षों में 103 दुर्घटनाएं और 39 मौतें, पुलिस और पेट्रोलिंग टीम पर उठे सवाल

पैदल चलने पर है रोक फिर भी 12 वर्षों में 103 दुर्घटनाएं और 39 मौतें, पुलिस और पेट्रोलिंग टीम पर उठे सवाल
UPT | यमुना एक्सप्रेस-वे

Jul 22, 2024 17:13

मुना एक्सप्रेस-वे, जो दिल्ली और आगरा को जोड़ता है, पैदल यात्रियों के लिए एक खतरनाक मार्ग बन गया है। इस मार्ग पर पैदल चलने पर कड़ा प्रतिबंध है, फिर भी पिछले 12 वर्षों में पैदल यात्रियों से संबंधित 103 दुर्घटनाएँ हुई हैं।

Jul 22, 2024 17:13

New Delhi News : यमुना एक्सप्रेस-वे, जो दिल्ली और आगरा को जोड़ता है, पैदल यात्रियों के लिए एक खतरनाक मार्ग बन गया है। इस मार्ग पर पैदल चलने पर कड़ा प्रतिबंध है, फिर भी पिछले 12 वर्षों में पैदल यात्रियों से संबंधित 103 दुर्घटनाएँ हुई हैं। दुर्घटनाओं में 39 लोगों की जान गई और 41 घायल हुए। यह चौंकाने वाला खुलासा यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (येडा) के वरिष्ठ अधिवक्ता और सड़क सुरक्षा कार्यकर्ता केसी जैन द्वारा प्राप्त जानकारी से हुआ है।

पिछले वर्ष ही 16 पैदल यात्रियों की मृत्यु हुई और 22 घायल हुए। जैन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2023 में हुई 19 मौतों में से 16 रात 8 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुईं। इस समय अवधि में वाहन चालक अक्सर तेज गति से चलते हैं और पैदल यात्रियों को देखने में असफल रहते हैं। 16 मृतकों में से 14 की मृत्यु अज्ञात वाहनों के कारण हुई, जो हिट-एंड-रन मामलों की ओर इशारा करता है।


अवैध बस स्टॉप बन गए 
दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पुलिस और पेट्रोलिंग टीमों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। जैन का कहना है कि सीसीटीवी कैमरों और नियमित गश्त के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में दुर्घटनाएँ होना चिंताजनक है। उन्होंने यह भी बताया कि कई स्थानों पर अवैध बस स्टॉप बन गए हैं, जहाँ यात्री अनधिकृत रूप से एकत्र होते हैं। येडा के अनुसार, पेट्रोलिंग टीमें इन अवैध स्टॉप पर रुकने वाले वाहनों को हटाने का प्रयास करती हैं, और यदि चालक नहीं मानते, तो पुलिस को सूचित किया जाता है। यह व्यवस्था पुलिस विभाग की कार्यक्षमता पर सवाल उठाती है।

दुर्घटना के आंकड़े
समग्र आंकड़ों पर नज़र डालें, तो 2012 से 2023 के बीच यमुना एक्सप्रेस-वे पर कुल 7,625 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1,320 लोगों की मृत्यु हुई और 11,168 घायल हुए। इन दुर्घटनाओं में पैदल यात्रियों की मौतें कुल मौतों का लगभग 3 प्रतिशत हैं।

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समस्या का समाधान किया जाना चाहिए
अधिवक्ता जैन का सुझाव है कि येडा और पुलिस विभाग को मिलकर एक संयुक्त कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। इस योजना का उद्देश्य पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और दुर्घटनाओं को रोकना होना चाहिए। समाधान के लिए कई उपाय किए जाने चाहिए जैसे- एक्सप्रेस-वे के किनारे सुरक्षित पैदल मार्ग का निर्माण, रात्रि के समय बेहतर प्रकाश व्यवस्था, नियमित जागरूकता अभियान चलाना, और कड़े दंड का प्रावधान। साथ ही, अवैध बस स्टॉप को हटाने और यात्रियों के लिए सुरक्षित प्रतीक्षा स्थल बनाने की आवश्यकता है।

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