सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को सुनवाई होगी। इससे पहले की सुनवाई में शिकायतकर्ता और रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने जवाबी हलफनामा दाखिल किया ...
आजम खान के बेटे की हाईकोर्ट में सुनवाई : अब्दुल्ला आजम ने दाखिल की याचिका, फर्जी दस्तावेजों के जरिए पासपोर्ट बनाने का मामला
Dec 10, 2024 11:05
Dec 10, 2024 11:05
विशेष अदालत के आदेश को चुनौती
जानकारी के मुताबिक इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस समित गोपाल की बेंच कर रही है। अब्दुल्ला आजम खान ने अपनी याचिका में विशेष अदालत रामपुर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें सीजेएम विशेष अदालत ने पासपोर्ट की सत्यता से संबंधित सबूत रखने की अनुमति देने वाली अर्जी को निरस्त कर दिया था।
सुरक्षित रखा गया फैसला
इससे पहले, कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया था, लेकिन शिकायतकर्ता को पक्षकार न बनाए जाने के कारण फैसला टाल दिया गया था। कोर्ट ने याची की शिकायतकर्ता को पक्षकार बनाने की अर्जी स्वीकार करते हुए आकाश सक्सेना को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि शिकायतकर्ता को पक्षकार नहीं बनाया गया, तो याचिका पोषणीय नहीं होगी।
पासपोर्ट एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज
गलत जन्म तिथि पर फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में अब्दुल्ला आजम खान ने ट्रायल कोर्ट में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर कुछ वीडियो क्लिप, शादी के कार्ड और अन्य दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतिलिपि दाखिल करने की अनुमति मांगी थी, जिसे ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अब्दुल्ला आजम ने इसी आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। पहले हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ धोखाधड़ी और पासपोर्ट एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके बाद यह मामला सामने आया।
यह है पूरा मामला
रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चल रही सुनवाई में उन्हें गलत दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का आरोप झेलना पड़ रहा है। आरोप यह है कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र और पासपोर्ट में दी गई जानकारी में अंतर है। शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट संख्या जेड-4307442 जारी किया गया, जिसमें उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज की गई है। वहीं, उनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों में जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दिखाई गई है। यह असमानता आरोपों का आधार बनी है, जिसके कारण यह मामला कानूनी जांच के दायरे में है।
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