अकेले आने वाले यात्री के लिए नारंगी रंग के 48 स्लीपिंग पॉड बनाए गए हैं। परिवार के लिए पीले रंग के चार पॉड और कपल के लिए हरे रंग के स्लीपिंग पॉड बनाए गए हैं। इसके अलावा...
Sleeping Pods : प्रयागराज जंक्शन पर बनकर तैयार हुआ स्लीपिंग पॉड, जानें कब से होगा शुभारंभ
![प्रयागराज जंक्शन पर बनकर तैयार हुआ स्लीपिंग पॉड, जानें कब से होगा शुभारंभ](https://image.uttarpradeshtimes.com/untitled-design-31-98020.jpg)
Jun 11, 2024 19:42
Jun 11, 2024 19:42
- स्लीपिंग पॉड्स की चार श्रेणियां बनाई गई हैं
- महिलाओं के लिए गुलाबी रंग के 10 स्लीपिंग पॉड तैयार किए गए हैं
- मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट भी मिलेगा
स्लीपिंग पॉड में मिलेंगी ये सुविधाएं
जानकारी के अनुसार, ये स्लीपिंग पॉड पूरी तरह से एयर कंडीशन होंगे। यहां वाई-फाई की सुविधा के साथ-साथ मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट भी मिलेगा। स्लीपिंग पॉड का निर्माण करने वाली कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले अमृतेश्वर सिंह और योगेंद्र पांडे ने जानकारी दी कि इसमें ठहरने वालों को खान-पान की भी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा परिवारों के लिए बनाए गए स्लीपिंग पॉड में शौचालय भी अटैच रहेगा। जबकि सिंगल और डबल स्लीपिंग पॉड में ठहरने वालों के लिए एक वॉशरूम होगा। साथ ही यहां लॉकर की भी सुविधा मिलेगी। बताया गया है कि ये स्लीपिंग पॉड बनकर तैयार हो चुके हैं। हालांकि इनके फिनिशिंग का थोड़ा काम बाकी है।
प्रयागराज के बाद कानपुर में भी बनाया जाएगा
बता दें कि प्रयागराज के बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर भी स्लीपिंग पॉड बनाए जाएंगे। जहां यात्री आरामदायक स्लीपिंग पॉड्स में रुककर अपनी ट्रेन का इंतजार कर सकेंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, स्लीपिंग पॉड की सुविधा उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के प्रयागराज डिवीजन की पहल पर जंक्शन स्टेशन के सिविल लाइन्स के किनारे पर की गई है। जिसकी लागत 1.75 करोड़ रुपये है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ये सुविधा महाकुंभ-2025 के दौरान आंगतुकों के लिए किफायती अल्पकालिक प्रवास के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प प्रदान करेगी। जल्द ही इसका शुभारंभ किया जाएगा।
Also Read
![आपराधिक मामलों में पासपोर्ट जब्ती अनिवार्य नहीं, 'हो सकता है' शब्द पर दिया जोर आपराधिक मामलों में पासपोर्ट जब्ती अनिवार्य नहीं, 'हो सकता है' शब्द पर दिया जोर](https://image.uttarpradeshtimes.com/untitled-design-83-32930.jpg)
27 Jul 2024 08:20 AM
न्यायमूर्ति शेखर बी. सराफ और न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने पासपोर्ट अधिनियम में प्रयुक्त 'हो सकता है' शब्द पर विशेष ध्यान देते हुए कहा कि विधानमंडल ने इस शब्द का प्रयोग जानबूझकर... और पढ़ें