अखाड़ा परिषद ने लिया यू टर्न : महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों को लेकर बदला रुख, सिर्फ खाने-पीने की दुकानों पर लगाई रोक

महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों को लेकर बदला रुख, सिर्फ खाने-पीने की दुकानों पर लगाई रोक
UPT | अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी

Nov 28, 2024 10:11

प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर पहले कुछ संतों द्वारा गैर-सनातनियों को व्यापार की अनुमति न देने की मांग की गई थी। हालांकि अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अपने रुख...

Nov 28, 2024 10:11

Prayagraj News : प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर पहले कुछ संतों द्वारा गैर-सनातनियों को व्यापार की अनुमति न देने की मांग की गई थी। हालांकि अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने अपने रुख में बदलाव करते हुए स्पष्ट किया है कि उनका किसी धर्म विशेष से कोई विरोध नहीं है। परिषद ने कहा कि वे सिर्फ खाने-पीने की दुकानों पर नियंत्रण चाहते हैं और गैर-सनातनियों को अन्य कारोबार करने में कोई आपत्ति नहीं है।

खाने-पीने की दुकानों पर विशेष आग्रह
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में आस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि खाने-पीने की दुकानें केवल सनातन धर्मियों को ही लगाने दी जाएं। परिषद का मानना है कि इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की संभावना कम होगी। अन्य प्रकार के व्यापार में किसी भी धर्म के व्यक्ति को भाग लेने से रोका नहीं जाएगा।

"धार्मिक आस्था पर हमले का चलन"
महंत रविंद्र पुरी ने आरोप लगाया कि हाल के दिनों में लव जिहाद, लैंड जिहाद के साथ-साथ थूक और पेशाब जिहाद जैसी घटनाओं ने सनातन धर्मियों की आस्था को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में गैर-सनातनियों द्वारा खाने-पीने का व्यवसाय करने से तनाव पैदा हो सकता है और इसे रोकना आवश्यक है।

"माहौल बिगड़ने की आशंका"
महंत रविंद्र पुरी ने चेतावनी दी कि अगर गैर-सनातनी महाकुंभ में खाने-पीने की दुकानें लगाते हैं और कोई अनुचित घटना होती है, तो इससे माहौल खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि संत और श्रद्धालु ऐसे मामलों में धैर्य खो सकते हैं। जो किसी के लिए भी ठीक नहीं होगा। उन्होंने दोहराया कि अखाड़ा परिषद ने कभी भी मुसलमानों की मेले में उपस्थिति या उनके व्यापार पर प्रतिबंध की मांग नहीं की है, लेकिन खाने-पीने की दुकानों पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।

धर्म संसद में उठेंगे सनातन धर्म से जुड़े मुद्दे
महंत रविंद्र पुरी ने घोषणा की कि महाकुंभ के दौरान धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हिंदुओं के लिए अलग से 'सनातन बोर्ड' गठित करने की मांग को उठाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हाल में सामने आए थूक और पेशाब मिलाने जैसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे कृत्य सनातन धर्मियों को अपमानित करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।

समरसता और आस्था की सुरक्षा का संदेश
अखाड़ा परिषद ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि महाकुंभ में सभी धर्मों के लोग भाग ले सकते हैं, लेकिन आयोजन की धार्मिक पवित्रता बनाए रखना प्राथमिकता है। परिषद ने जनता से अपील की कि वे शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखें और धार्मिक आयोजनों में शुचिता को बनाए रखने में सहयोग करें।

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