प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 में इस बार एक नई और अनोखी पहल देखने को मिलेगी। अलीगढ़ की जेल में बंद कैदियों के बनाए ताले और लकड़ी के सामान महाकुंभ में प्रदर्शित होंगे...
महाकुंभ 2025 : मेले में दिखेगा अलीगढ़ के कैदियों का हुनर, ताले और शिवलिंग की होगी प्रदर्शनी
Jan 01, 2025 19:15
Jan 01, 2025 19:15
ताले और शिवलिंग समेत अन्य सामान होंगे प्रदर्शित
अलीगढ़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि यह पहल केवल ताले बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने और समाज में पुनः स्थान प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती है। जेल में रोजाना लगभग 1200 ताले तैयार किए जाते हैं, जो महाकुंभ में सस्ते दामों पर बिकेंगे। इन तालों के साथ-साथ कैदियों द्वारा बनाए गए लकड़ी के सामान भी प्रदर्शित किए जाएंगे।
बंदी बना रहे हैं ताले और लकड़ी के सामान
अलीगढ़ जेल के सुपरिंटेंडेंट विजेंद्र सिंह यादव ने बताया कि महाकुंभ में जेल विभाग का एक स्टॉल भी लगेगा, जहां कैदी द्वारा तैयार किए गए ताले और लकड़ी के सामान बिक्री के लिए रखे जाएंगे। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इन सामानों को खरीद सकते हैं। जेल में कैदियों को उनके काम का मेहनताना भी दिया जाता है, जिसे वे अपने परिवारों को भेज सकते हैं। प्रत्येक कैदी को प्रतिदिन 50 से 80 रुपए का मेहनताना मिलता है।
अलीगढ़ जेल का विशेष स्टॉल होगा
उम्र कैद की सजा काट रहे विनोद कुमार ने बताया कि उन्होंने जेल में ताला बनाने की कला सीखी है। यह उनके लिए गर्व की बात है कि उनके बनाए ताले देश-विदेश में प्रसिद्ध हो रहे हैं। महाकुंभ में इनका प्रदर्शन होने से उनका मनोबल और बढ़ेगा।कैदियों का कहना है कि इस पहल से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया है। उन्होंने बताया कि यह काम न केवल उनके कौशल को पहचान देता है, बल्कि समाज में उनकी स्थिति में सुधार की उम्मीद भी बढ़ाता है।
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