हाईकोर्ट ने डीएम को दिया निर्देश : एससी प्रमाणपत्र जारी न करने पर कोर्ट ने मांगा जवाब, तहसील हंडिया के कर्मचारी होंगे बाहर

एससी प्रमाणपत्र जारी न करने पर कोर्ट ने मांगा जवाब, तहसील हंडिया के कर्मचारी होंगे बाहर
UPT | Allahabad High Court

Nov 08, 2024 11:55

हाईकोर्ट में रामकृपाल ने एक याचिका दायर कर अपनी भूमि पर अवैध चक रोड निर्माण को हटाने की गुहार लगाई थी। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि वे अपनी उपस्थिति में भूमि का सीमांकन कराएं।

Nov 08, 2024 11:55

Short Highlights
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएम को आदेश दिया है कि वे अपनी उपस्थिति में भूमि का सीमांकन कराएं।
  • रामकृपाल ने एक याचिका दायर कर अपनी भूमि पर अवैध चक रोड निर्माण को हटाने की गुहार लगाई थी।
  • हाईकोर्ट ने डीएम जौनपुर से जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 6 जनवरी 2025 निर्धारित की है।
Prayagraj News : प्रयागराज में चक रोड विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी (डीएम) को आदेश दिया है कि वे अपनी उपस्थिति में भूमि का सीमांकन कराएं। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम की अदालत ने रामकृपाल द्वारा दाखिल याचिका पर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि इस सीमांकन प्रक्रिया में हंडिया तहसील का कोई भी कर्मचारी शामिल नहीं होगा और डीएम इस कार्य को किसी अधीनस्थ अधिकारी से नहीं कराएंगे। अदालत ने जिलाधिकारी को छह सप्ताह का समय देते हुए चक रोड के निर्धारण में सटीकता बनाए रखने का निर्देश दिया है।

गाटा संख्या 101 और 102 पर विवाद
हाईकोर्ट में रामकृपाल ने एक याचिका दायर कर अपनी भूमि पर अवैध चक रोड निर्माण को हटाने की गुहार लगाई थी। याची के अनुसार ग्राम सभा ने उनकी भूमिधरी गाटा संख्या 101 पर चक रोड बना दिया है जो कि अतिक्रमण है। वहीं ग्रामसभा ने 18 जुलाई 2024 को रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूर्व ग्राम प्रधान ने चक रोड के निर्माण के दौरान याची की भूमि पर अतिक्रमण किया, जबकि चक रोड को गाटा संख्या 102 पर बनाना था। दूसरी ओर तहसीलदार सैदाबाद, तहसील हंडिया के नायब तहसीलदार ने शपथ पत्र में यह दावा किया कि याची की भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं हुआ है और चक रोड गाटा संख्या 102 पर ही स्थित है।

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कोर्ट का जिलाधिकारी को आदेश
अदालत ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों में विरोधाभास पाते हुए जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि वे अपनी देखरेख में भूमि का सीमांकन कराएं और इस बात की पुष्टि करें कि चक रोड वास्तव में गाटा संख्या 101 पर है या 102 पर। हाईकोर्ट ने डीएम को यह कार्य जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय की है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि डीएम खुद सीमांकन प्रक्रिया की निगरानी करेंगे और कोई अन्य अधिकारी या कर्मचारी इसमें शामिल नहीं होगा, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

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जौनपुर डीएम को हाईकोर्ट का अवमानना नोटिस
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने जौनपुर के डीएम को एक अन्य मामले में अवमानना नोटिस जारी किया है। न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत ने जौनपुर निवासी प्रकाश चंद्र बिंद और अन्य के अवमानना आवेदन पर यह नोटिस जारी किया। मामला अनुसूचित जाति (एससी) प्रमाण पत्र जारी करने का है। याचिकाकर्ता प्रकाश चंद्र बिंद ने अपनी याचिका में अदालत से आग्रह किया था कि चूंकि वह केवट और मल्लाह जातियों के मझवार उपजाति से आते हैं, इसलिए उन्हें एससी प्रमाण पत्र जारी किया जाए।



एससी प्रमाण पत्र जारी करने का आदेश और अनुपालन की अनदेखी
हाईकोर्ट ने पहले जौनपुर के डीएम को तीन माह के भीतर इस संबंध में उचित निर्णय लेने का निर्देश दिया था। लेकिन डीएम द्वारा आदेश का पालन न किए जाने के कारण याचिकाकर्ता ने अवमानना का आवेदन दाखिल किया। याचिकाकर्ता के वकील पुनीत कुमार शुक्ला ने तर्क दिया कि भारत सरकार के राजपत्र में मझवार जाति को अनुसूचित जाति में शामिल किया गया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश का भी हवाला दिया और कोर्ट से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाए। कोर्ट ने इस मामले में डीएम जौनपुर से अवमानना नोटिस का जवाब मांगा है और यह पूछताछ की है कि अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। हाईकोर्ट ने डीएम जौनपुर से जवाब तलब करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 6 जनवरी 2025 निर्धारित की है।

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