कोर्ट ने कहा, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पॉक्सो के प्रयोग से अनजाने में उन किशोरों का नुकसान न हो, जिनकी रक्षा के लिए इसे बनाया गया है। इस मुद्दे पर न्यायिक प्रक्रिया के दौरान...
इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी : सहमति से रिश्ता बनाने वालों के खिलाफ पॉक्सो का हो रहा गलत इस्तेमाल
Jul 06, 2024 12:00
Jul 06, 2024 12:00
- कोर्ट ने कहा, पॉक्सो अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है
- सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, उन किशोरों का नुकसान न हो, जिनकी रक्षा के लिए इसे बनाया गया है
क्या है मामला?
दरअसल, सतीश उर्फ चांद, देवरिया का निवासी है। जिसपर थाना बरहज में दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत अन्य मामलों में मुकदमा दर्ज किया गया है। उसपर आरोप लगाया गया है कि वह शिकायतकर्ता की नाबालिग बेटी को 13 जून 2023 को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। जिसके बाद, 5 जनवरी 2024 से वह जेल में बंद है और हाईकोर्ट में गुहार लगाई है।
पीड़िता ने बताया मंदिर में की थी शादी
याची के अधिवक्ता ने इस मामले में कहा कि आरोपी पर झूठा आरोप लगाया गया है। पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि वह 18 वर्ष की थीं। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे, जिसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता के डर से भागकर एक मंदिर में शादी कर ली थी। दोनों ही एक ही गांव के निवासी हैं और पड़ोसी हैं। पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया है, जबकि आरोपी अपनी पत्नी और बच्चे की देखभाल के लिए इच्छुक है।
कोर्ट ने दिया निर्देश
कोर्ट ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनकर और उनके बयानों का अवलोकन करके यह निर्णय दिया कि इस मामले में उचित विचार करना चाहिए। यदि इस वैवाहिक रिश्ते में सहमति और आपसी स्नेह की बात है, तो इसे जमानत और मुकदमे से संबंधित निर्णय में शामिल किया जाएगा। ज़मानत मंजूर करते हुए, कोर्ट ने याची को रिहा होने की तिथि से छह माह के भीतर नवजात शिशु के नाम पर दो लाख रुपये की धनराशि जमा करने का निर्देश दिया है।
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