Allahabad High Court : एक्सीडेंट में दिव्यांग हुई बच्ची को हाईकोर्ट ने दिया इंसाफ, 19 साल बाद मिलेगा मुआवज़ा

एक्सीडेंट में दिव्यांग हुई बच्ची को हाईकोर्ट ने दिया इंसाफ, 19 साल बाद मिलेगा मुआवज़ा
UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Oct 10, 2024 12:00

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर से जुड़े एक पुराने ट्रक एक्सीडेंट मामले में 75% विकलांगता झेल चुकी अब 19 साल की एक लड़की को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने दुर्घटना के बाद मुआवजा...

Oct 10, 2024 12:00

Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुलंदशहर से जुड़े एक पुराने ट्रक एक्सीडेंट मामले में 75% विकलांगता झेल चुकी अब 19 साल की एक लड़की को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने दुर्घटना के बाद मुआवजा राशि को बढ़ाकर 23,69,971 रुपये कर दिया है। इस आदेश से 17 साल पहले दाखिल याचिका में अपीलकर्ता बच्ची को न्याय की आशा जागी है।


जानिए कैसे हुआ था हादसा
मामला 22 अगस्त 2005 का है जब यह बच्ची अपने माता-पिता के साथ मारुति कार में आगरा से बुलंदशहर जा रही थी। तभी सामने से आ रहे ट्रक से भयानक टक्कर हुई। जिसमें महज दो साल की बच्ची 75 प्रतिशत विकलांग हो गई। इसके बाद पीड़ित परिवार ने मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल में मुआवजे के लिए दावा दाखिल किया लेकिन वहां मुआवजा राशि सिर्फ 2,17,715 रुपये तय की गई थी। ट्रिब्यूनल ने इस राशि में 50% कटौती करते हुए अंतिम मुआवजा 1,08,875 रुपये निर्धारित किया।

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हाईकोर्ट में बढ़ी हुई मुआवजे की मांग
अपीलकर्ता के अधिवक्ता एसडी ओझा ने हाईकोर्ट में तर्क रखा कि क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने दोनों चालकों को योगदानशील लापरवाही का दोषी मानकर मुआवजे का निर्धारण गलत तरीके से किया। अधिवक्ता का कहना था कि दुर्घटना में पूरी गलती ट्रक चालक की थी न कि वाहन के अन्य चालक की। कोर्ट ने इस तर्क को सही मानते हुए बच्ची की 75% विकलांगता, जीवनभर की देखरेख, भविष्य की कमाई, विवाह की संभावनाओं पर असर और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए मुआवजा राशि को संशोधित करने का निर्णय लिया। हाईकोर्ट ने इस आदेश में विवाह की संभावनाओं के नुकसान के लिए तीन लाख रुपये का मुआवजा अतिरिक्त रूप से देने का निर्देश दिया। क्योंकि 100% विकलांगता के कारण बच्ची के विवाह की संभावनाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई कि विकलांगता के कारण लड़की को हताशा और अवसाद का सामना करना पड़ा है। जो उसकी मानसिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल रहा है।

ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी करेगा भुगतान
हाईकोर्ट ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी को दो महीने के भीतर बढ़ाई गई मुआवजा राशि का भुगतान करने का आदेश दिया। कंपनी यदि निर्धारित समय में भुगतान नहीं करती है, तो उसे इस राशि पर 10% की दर से ब्याज देना होगा। कोर्ट ने इस फैसले को न्यायपूर्ण और संवेदनशील दृष्टिकोण से देखा और अपने निर्णय में हर संभव तरीके से पीड़ित के हक को सर्वोपरि रखा।

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