प्रयागराज में जनवरी में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान नेत्र रोगियों के लिए संगम क्षेत्र में नेत्र कुंभ का आयोजन होने जा रही है। जिसके लिए मेला क्षेत्र में आज भूमि पूजन किया गया है। 12 जनवरी से 26 फरवरी तक इसका आयोजन किया जाएगा।
महाकुंभ में नेत्र कुंभ की शुरुआत के लिए हुआ भूमि पूजन : मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज, चश्मे और ऑपरेशन की होगी व्यवस्था
Nov 28, 2024 17:48
Nov 28, 2024 17:48
नेत्रदान के लिए जागरूकता
महाकुंभ लगने वाले नेत्र कुंभ में जरूरतमंदों की मदद के साथ नेत्रदान को प्रोत्साहित करने के लिए शिविर आयोजित होंगे। इस नेत्र कुंभ में श्रीलंका जैसे देशों की मिसाल देकर लोगों को कॉर्निया दान के महत्व को समझाया जाएगा। श्रीलंका जैसे देश में बड़ी संख्या में लोग कार्निया डोनेट करते हैं। श्रीलंका 30 से 40 देशों में कॉर्निया देता है। इसलिए महाकुंभ की धरती से नेत्र कुंभ के जरिए लोगों को नेत्रदान के लिए भी जागरूक किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न सामाजिक और चिकित्सा संगठनों जैसे 'सक्षम', 'द हंस फाउंडेशन', 'सेवा भारती', और 'नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन' का योगदान किया जा रहा है। श्री रणछोड़दास बापू चैरिटेबल ट्रस्ट जैसे संगठनों द्वारा निशुल्क चश्मा, भोजन और ऑपरेशन के बाद किट और नकद सहायता प्रदान की जाएगी।
नेत्र कुंभ आयोजित करने का उद्देश्य
नेत्र कुंभ संचालन समिति के अध्यक्ष कवीन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक पूरे भारत में लगभग 5 करोड़ विभिन्न प्रकार के दिव्यांगजन हैं। इन दिव्यांग जनों में करीब एक करोड़ 25 लाख से अधिक दृष्टि से संबंधित दिव्यांगे हैं। लेकिन जागरूकता की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोग आंख की रोशनी खो देते हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए यह नेत्र कुंभ आयोजित होने जा रहा है।
समाज सेवा का उद्देश्य
भारत में लगभग 1.25 करोड़ दृष्टिबाधित दिव्यांगों को ध्यान में रखते हुए इस अभियान को चलाया जा रहा है। लाखों लोगों को अंधत्व से बचाने के लिए यह एक सकारात्मक प्रयास है। नेत्र कुंभ न केवल नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में बड़ा योगदान देगा, बल्कि समाज में नेत्रदान की संस्कृति को भी बढ़ावा देगा। यह पहल महाकुंभ के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को जनसेवा के उद्देश्य से जोड़ती है, जो इसे और भी प्रेरणादायक बनाती है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के तहत, स्वस्थ महाकुंभ के उद्देश्य को साकार करने के लिए मेला क्षेत्र में युद्धस्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं और महात्माओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की बड़ी संख्या में तैनाती की जाएगी। और पढ़ें