पूरे देश में नहाय खाय से छठ महापर्व की शुरुआत के बाद चौथे दिन आज उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का समापन हो गया। महिलाओं ने व्रत रख कर अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए छठ मईया से आशीर्वाद लिया।
जूना अखाड़े की महिला संतों ने छठ पर्व पर चढ़ाए 21 क्विंटल फल : उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का हुआ समापन
Nov 08, 2024 10:23
Nov 08, 2024 10:23
घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी
चार दिवसीय छठ महापर्व के चौथे दिन आज भोर से ही गंगा और यमुना के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। दूर-दूर से लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। जिसके बाद श्रद्धालु घंटों गंगा और यमुना के पानी में खड़े होकर पूजा-अर्चना करते रहे। संगम घाट, बलुआ घाट, गऊ घाट, नाग वासुकी, मौज गिरि घाट, रामघाट समेत कई घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है। पूजा के बाद लोगों ने एक-दूसरे से छठ मइया का प्रसाद मांगा और खाया। मान्यता है कि छठ मइया का प्रसाद मांगने पर ही खाया जाता है। ऐसा करने वालों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
महिला संतों ने व्रत रखकर पूजा-अर्चना की
छठ पूजा के महापर्व पर महिलाओं के साथ प्रयागराज की महिला संत भी पीछे नहीं रहीं। उन्होंने भी छठ के इस महापर्व पर व्रत रखकर और पूजा-अर्चना कर छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त किया। संगम नगरी के मौज गिरी घाट के बगल में रामघाट पर जूना अखाड़े की महिला संतों ने गुरुवार शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया और 21 कुंतल फल चढ़ाकर छठी मैया से आशीर्वाद मांगा। जिसके बाद आज सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद वितरित किया गया।
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पिछली बार से ज्यादा आए श्रद्धालु
इस अवसर पर पूर्वांचल छठ पूजा एवं विकास समिति के अध्यक्ष अजय राय ने बताया कि इस बार पिछली बार से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। पिछली बार 4 लाख श्रद्धालु आए थे। जो इस बार बढ़कर पांच लाख हो गए हैं। इस अवसर पर समिति की ओर से भोजपुरी भजनों का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस दौरान भक्तिमय प्रस्तुतियों से संगम क्षेत्र में आए श्रद्धालु छठ मैया के जयकारे लगाते रहे।
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