प्रयागराज में छह दिनों से डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी नई शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि बेसिक शिक्षा विभाग और सरकार उनकी आवाज़ को नजरअंदाज कर रही है।
डीएलएड प्रशिक्षितों का प्रदर्शन : नई शिक्षक भर्ती की मांग, कहा- बेसिक शिक्षा विभाग और सरकार उनकी अनदेखी कर रहे
Sep 11, 2024 00:23
Sep 11, 2024 00:23
12 लाख से ज्यादा युवाओं ने किया डीएलएड कोर्स
अभ्यर्थियों के अनुसार, प्रदेश में 2018 के बाद से कोई शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। करीब 12 लाख से अधिक युवाओं ने डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) कोर्स पूरा कर लिया है, जो शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा, कई अभ्यर्थी शिक्षक बनने के लिए आवश्यक पात्रता परीक्षा, जैसे कि टीईटी (टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) और सीटीईटी (सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट), पास कर चुके हैं। बावजूद इसके, पिछले 6 सालों से भर्ती न आने के कारण ये अभ्यर्थी बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। कुछ अभ्यर्थियों की मानसिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि उन्होंने आत्महत्या तक कर ली।
अभ्यर्थियों का आंदोलन छठे दिन में प्रवेश
बेरोजगार डीएलएड प्रशिक्षित युवाओं ने शिक्षक दिवस, 5 सितंबर, को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव किया था और तब से उनका धरना जारी है। धरने पर बैठे युवाओं का आज छठवां दिन है और वे लगातार शिक्षक भर्ती की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि यूपी के बेसिक स्कूलों में करीब सवा लाख शिक्षकों के पद खाली हैं। इसके बावजूद सरकार ने अभी तक भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया है।
अभ्यर्थियों ने यह भी दावा किया कि अगर इस बार भर्ती का विज्ञापन जारी नहीं किया गया, तो वे अपना आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। उनके धरने में अब दिल्ली के कुछ कोचिंग संस्थानों के शिक्षक भी शामिल हो चुके हैं, जिससे आंदोलन को और समर्थन मिल रहा है।
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