महाकुंभ से पहले नवगठित पंच दशनाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े पर विवाद : दो प्रमुख संतों पर लगाए गंभीर आरोप  

दो प्रमुख संतों पर लगाए गंभीर आरोप  
UPT | गोल्डन गिरी और चैतन्य नंद गिरी पर आरोप लगाते वीरेंद्रानंद ब्रह्मचारी।

Oct 26, 2024 19:36

संगम की धरती पर जनवरी 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले नवगठित श्री पंच दशनाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े को लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

Oct 26, 2024 19:36

Prayagraj News : जनवरी 2025 में संगम की धरती पर आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले श्री पंच दशनाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े के नवगठित संगठन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद में श्री पंच अग्नि अखाड़े के संत वीरेंद्रानंद ब्रह्मचारी ने श्री संत गुरुदत्त अखाड़े के दो प्रमुख संतों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने श्री संत गुरुदत्त अखाड़े के संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरी और संरक्षक चैतन्य नंद गिरी पर प्रयागराज के चौफटका स्थित अनंत माधव के प्राचीन मंदिर पर कब्जा करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही, उन्होंने इन संतों पर बिना अनुमति के स्वयंभू अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त करने का भी आरोप लगाया है।

अनंत माधव मंदिर पर कब्जे का आरोप
वीरेंद्रानंद ब्रह्मचारी का कहना है कि वह आदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा के 13 अखाड़ों में से एक, श्री पंच अग्नि अखाड़ा से जुड़े हुए हैं और चौफटका स्थित अनंत माधव देवगिरी हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका नवगठित श्री पंचदश नाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। वीरेंद्रानंद ब्रह्मचारी का आरोप है कि 26 अक्टूबर को उनके अनुमति के बिना अनंत माधव देवगिरी हनुमान मंदिर के नाम का उपयोग करके पट्टाभिषेक की योजना बनाई गई। उनके अनुसार, यह पूरी योजना मंदिर पर कब्जे की साजिश का हिस्सा हो सकती है। उन्होंने दावा किया कि कुछ अन्य लोग भी इस साजिश में शामिल हैं, जो मंदिर पर अधिकार जमाने की कोशिश कर रहे हैं।

संत पर धमकी और प्रताड़ना का आरोप
वीरेंद्रानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि उन्हें विभिन्न नंबरों से फोन करके धमकियां दी जा रही हैं। उनका कहना है कि कुछ लोग न केवल मंदिर पर कब्जा करना चाहते हैं, बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से नुकसान पहुंचाने का भी इरादा रखते हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रयागराज के पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत भी दी है और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने साफ किया कि उनका नवगठित श्री पंचदश नाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े से कोई संबंध नहीं है और अगर प्रशासन ने उन्हें बदनाम करने वालों और मंदिर पर कब्जा करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए, तो वह अनंत माधव देवगिरी हनुमान मंदिर में अन्न और जल त्यागकर हठयोग पर बैठ जाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि इसके बाद की पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और शासन की होगी।

श्री पंचदश नाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े का गठन और विवाद
श्री पंचदश नाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़े का गठन 2018 में किया गया था। इस अखाड़े के संरक्षक चैतन्य नंद गिरी और संस्थापक आदित्य आनंद गोल्डन गिरी हैं। इन दोनों संतों के बारे में कहा जाता है कि वे पहले श्री पंचदश नाम जूना अखाड़े से निष्कासित किए गए थे। अब यह विवाद महाकुंभ के आयोजन से पहले अखाड़े की वैधता और मंदिर के स्वामित्व पर केंद्रित हो गया है, जिससे प्रयागराज के साधु-संतों के बीच तनाव का माहौल बन गया है।

यह मामला सिर्फ अखाड़ों के आंतरिक संघर्ष तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मंदिर की सुरक्षा और धार्मिक आस्था की भी बात शामिल है। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने की कोशिश की जा रही है, ताकि आगामी महाकुंभ के दौरान किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। 


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