पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी अब दिखने लगा है। प्रयागराज में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हालांकि यमुना का जलस्तर अभी स्थिर बना हुआ है। लेकिन...
Prayagraj News : पहाड़ों पर बारिश का असर दिखने लगा, ऊफनने लगी गंगा, कई इलाकों में अलर्ट...
Jul 08, 2024 18:01
Jul 08, 2024 18:01
- हरिद्वार बैराज से गंगा नदी में 97 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया।
- कानपुर बैराज से भी 7970 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
- हरिद्वार का पानी कानपुर पहुंचने पर बैराज से डिस्चार्ज बढ़ाया जाएगा।
हरिद्वार से 97 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा
हरिद्वार बैराज से रविवार को गंगा नदी में 97 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। इसी बैराज से शनिवार को 41,682 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जबकि शुक्रवार को बैराज से डिस्चार्ज सिर्फ 5,187 क्यूसेक था। कानपुर बैराज से भी गंगा में लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। रविवार को कानपुर बैराज से 7,970 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि शनिवार को 5,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। हरिद्वार का पानी कानपुर पहुंचने पर बैराज से डिस्चार्ज बढ़ाया जाएगा।
पहाड़ों पर बारिश का असर प्रयागराज में दिखा
प्रयागराज में बनाए गए सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम में कार्यरत इंजीनियरों के मुताबिक, उत्तराखंड में जबरदस्त बारिश का असर 15 जुलाई के बाद प्रयागराज में भी दिखने लगेगा। उनका मानना है कि इस बीच चंबल की पहाड़ियों में हो रही तेज बारिश से यमुना नदी का भी जलस्तर बढ़ेगा। उत्तराखंड में नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए संगम नगरी प्रयागराज में निगरानी बढ़ा दी गई है। हालांकि गंगा अभी खतरे के निशान से करीब 10 मीटर नीचे बह रही है। इसके बावजूद तटीय इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से जो बाढ़ चौकियां बनाई गईं हैं, उन पर राजस्व कर्मियों की तैनाती की गई है। बाढ़ के समय जिन गांवों का संपर्क कट जाता है, उन गांव में पर्याप्त राशन और दवाइयां भेजने के निर्देश दिए गए हैं। गंगा और यमुना नदियों में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर ग्रामीणों को भी ऐहतियात बरतने को कहा गया है।
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