फतेहपुर न्यूज : जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की खुली पोल, स्कूल में टाट पर बैठने को मजबूर हैं बच्चे

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की खुली पोल, स्कूल में टाट पर बैठने को मजबूर हैं बच्चे
UPT | जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय फतेहपुर

Apr 03, 2024 16:58

जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें रमसा के कामों के लिए दिए गए 1 करोड़ 74 लाख 36 हजार 838 रुपए को कमीशन के खेल के कारण...

Apr 03, 2024 16:58

Short Highlights
  • टाट पर बैठने को मजबूर हैं बच्चे
  • बालिकाओं का प्रवेश रद्द करने का दबाव
Fatehpur News (भीम शंकर) : जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एक बड़ा मामला सामने आया है। जिसमें रमसा के कामों के लिए दिए गए 1 करोड़ 74 लाख 36 हजार 838 रुपए को कमीशन के खेल के कारण शासन को वापस भेजना पड़ा। जिसका नतीजा रहा कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत बालिका छात्रावास के लिए आए 51 लाख 99 हजार 438 रुपये। सेनेटरी पैड एवं पैड वेंडिंग मशीन के लिए आए 5 लाख 48 हजार रुपये। तथा सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को बैठने के लिए फर्नीचर के लिए दिए गए 1 करोड़ 10 लाख 52 हजार रुपये। लैब इक्विपमेंट के लिए दिए गए 9 लाख 50 हजार 600 रुपये। टूर के लिए दिए गए 18 लाख रुपए की धनराशि को बिना खर्च किए ही वापस भेज दिया गया। 

बालिकाओं का प्रवेश रद्द करने का दबाव
वहीं इस मामले में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज हुसैनगंज की प्रधानाध्यापिका ने डीआईओएस (DIOS) को लिखित शिकायत देते हुए बताया था कि छात्रावास का संचालन न होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अधिकांश छात्राओं के घर, विद्यालय से दूर होने के कारण विद्यालय पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रावास न खुलने के कारण विद्यालय से अपनी बालिकाओं का प्रवेश रद्द करने और टीसी (TC) उपलब्ध कराने का दबाव बनाया जा रहा है।

टाट पर बैठने को मजबूर हैं बच्चे
आपको बता दें कि जिले के जिन 18 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के लिए धनराशि उपलब्ध कराई गई थी। वहां बच्चे टाट पर बैठने को मजबूर हैं। इन हालातों में कमीशनखोर विभाग के जिम्मेदारों ने आपसी लड़ाई में पैसे को खर्च किए बिना ही शासन को वापस भेज दिया। हद तो तब हो गई जब संबंधित धनराशि को खर्च करने के लिए डीएम के पास गई पत्रावली को एक महीना पहले ही अनुमोदित कर दिया गया था। अब अपनी गर्दन फंसती देख जिला विद्यालय निरीक्षक धनराशि को शासन से फिर से मिलने एवं लोकसभा चुनाव की अधिसूचना लग जाने की दुहाई दे रहे हैं ।

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