मौलाना उमर गौतम को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने तीन साल के भीतर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
धर्मांतरण के मास्टर माइंड का पर्दाफाश : मौलाना उमर गौतम को आजीवन कारावास की सजा, नूह मस्जिद में था ठिकाना
Sep 14, 2024 02:27
Sep 14, 2024 02:27
मौलाना उमर गौतम का जाल
मौलाना उमर गौतम ने पिछले दस वर्षों में 50 से अधिक परिवारों का धर्मांतरण कराया। उसके द्वारा धर्म परिवर्तन की पेशकश के पीछे बड़ा झूठ था। वह लालच देकर लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था, लेकिन जिन लोगों ने उसकी बातों में आकर धर्म परिवर्तन किया, उन्हें वादा की गई सुविधाएं नहीं मिलीं। बहुत से परिवारों को अपना घर और साधारण जीवन छोडकर अंततः कुछ भी हासिल नहीं हुआ। उमर गौतम ने अपने जीवन की शुरुआत श्याम प्रताप सिंह के रूप में की थी, लेकिन बाद में उसने अपना नाम बदलकर मौलाना उमर गौतम रख लिया। परिवार के साथ उसने दिल्ली के जामिया नगर बटला हाउस में नूह मस्जिद को अपना ठिकाना बनाया और वहां अपनी धार्मिक संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के जरिए धर्मांतरण के नेटवर्क को और व्यापक बनाया।
अंदौली समेत अन्य इलाकों में भी प्रभाव
अंदौली में मौलाना उमर गौतम के अनुयायी सबसे अधिक थे। उसने इसी क्षेत्र से धर्म परिवर्तन का काम शुरू किया। एक गरीब हिंदू परिवार को रुपये का लालच देकर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया और उनकी टूट-फूट की स्थिति से एक आलीशान घर की ओर ले जाने का झांसा दिया। इस प्रकार के मामलों की चर्चा आग की तरह फैल गई। मौलाना ने अपनी सभाओं में यह भी उल्लेख किया कि उसने इस गरीब परिवार को फर्श से अर्श तक पहुंचा दिया।
इस झांसे में कई लोग फंस गए और धर्म परिवर्तन कर लिया। अंदौली के निवासी और पंथुआ के खेल्लन ने भी 15 साल पहले इस्लाम धर्म अपनाया था। उसे भी इसी प्रकार के झांसे का शिकार बनाया गया था।
मुस्लिम धर्म के प्रति आकर्षण
मौलाना उमर गौतम गरीबों को विशेष रूप से बरगलाने का काम करता था। वह लोगों को विश्वास दिलाता था कि मुस्लिम बनने से उन्हें दुनिया में अमीर बनने का मौका मिलेगा। इसके लिए वह कई जनसभाएं करता था और लोगों को अपने धार्मिक विचारों की ओर आकर्षित करता था। उमर का प्रभाव सिर्फ फतेहपुर जिले तक सीमित नहीं था। उसने कानपुर, उन्नाव, हमीरपुर, बांदा, रायबरेली, गोरखपुर, बिजनौर, खतौली, और केरल, आंध्रप्रदेश, हैदराबाद, दिल्ली, नोएडा, मेरठ, मुजफ्फरनगर तक अपना नेटवर्क फैला रखा था। एटीएस की जांच में यह खुलासा हुआ था कि उसका नेटवर्क पाकिस्तान, कतर और कुवैत तक फैला हुआ था।
धर्म परिवर्तन के लिए जनसभाएं
मौलाना उमर गौतम ने अपनी तकरीर के माध्यम से लोगों को प्रभावित करने का काम किया। उसने सोशल मीडिया पर अपने यू-ट्यूब चैनल के जरिए सभाओं के वीडियो अपलोड किए, जिनसे युवा वर्ग खासतौर पर प्रभावित होता था। वह घूम-घूमकर लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने वाले जनसभाएं करता था। उमर गौतम का कहना था कि उसका मकसद भारत में इस्लाम धर्म का प्रसार करना है। उसने यूरोप, अफ्रीका, और अमेरिका में भी सभाएं कीं और खुद को इस्लाम धर्म का मसीहा मानने लगा।
धर्म परिवर्तन के प्रमुख मामले
मौलाना उमर गौतम के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगे हैं। उसने अपने हिंदू दोस्त समेत सात लोगों का धर्म परिवर्तन कराया और इस्लाम धर्म के प्रति आकर्षित किया। इसके अतिरिक्त, उसकी गतिविधियों की वजह से कई परिवारों को गुमराह किया गया और धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया के दौरान उन्हें भ्रामक वादे किए गए। उमर गौतम का प्रभाव और उसकी धार्मिक गतिविधियां विशेष रूप से अंदौली गांव में ज्यादा देखने को मिलीं। वह साल में एक से दो बार इस गांव में आता था, और यहां उसका स्वागत किसी मसीहा की तरह किया जाता था। लोग उसकी तकरीर सुनने के लिए दूर-दूर से आते थे और वह गरीबों को खासतौर पर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करता था।
कानूनी कार्रवाई
मौलाना उमर गौतम की गतिविधियों को लेकर कानूनी जांच चल रही है और कई लोगों को उसके खिलाफ गवाही देने के लिए कहा गया है। हालांकि, उसके द्वारा किए गए धर्म परिवर्तन और उसके जाल के विभिन्न पहलुओं को लेकर जांच जारी है, लेकिन इससे जुड़े कई सवाल अब भी बाकि हैं।
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