इस बार महाकुंभ में गंगापुरी महाराज ने विशेष आकर्षण का केंद्र बना लिया है। उनकी 3 फीट की हाइट और पिछले 32 वर्षों से स्नान न करने की अजीबोगरीब जीवनशैली ने हर किसी का ध्यान खींचा है।
महाकुंभ 2025 : गंगापुरी महाराज बने श्रद्धालुओं का आकर्षण, 32 साल से नहीं किया स्नान
Jan 02, 2025 14:29
Jan 02, 2025 14:29
हाइट बनी पहचान
गंगापुरी महाराज की हाइट केवल 3 फीट है। जो आमतौर पर पांच या छह साल के बच्चे के बराबर है, लेकिन उनकी उम्र 57 वर्ष है। उन्होंने अपनी शारीरिक संरचना को कभी कमजोरी नहीं समझा। गंगापुरी महाराज का कहना है कि यह अनोखा रूप ही उनकी ताकत है, क्योंकि इस कारण लोग उनसे मिलने आते हैं और उनकी ओर आकर्षित होते हैं। उनकी हाइट ने उन्हें विशिष्ट पहचान दिलाई है। जो उन्हें साधारण साधुओं से अलग करती है।
32 साल से नहीं किया स्नान
गंगापुरी महाराज की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि उन्होंने पिछले 32 वर्षों से स्नान नहीं किया है। इस बारे में वह कहते हैं कि उनका यह निर्णय एक गुप्त संकल्प से जुड़ा हुआ है। जिसे वह सार्वजनिक नहीं करना चाहते। उनका मानना है कि जब उनका संकल्प पूरा होगा, तब वह सबसे पहले क्षिप्रा नदी में स्नान करेंगे। गंगापुरी महाराज का मानना है कि बाहरी स्वच्छता से अधिक महत्वपूर्ण आंतरिक शुद्धता है और यही उनका जीवन का मूलमंत्र है।
महाकुंभ में पहली बार छोटू बाबा
यह गंगापुरी महाराज की पहली महाकुंभ यात्रा है और इस यात्रा के दौरान उनकी उपस्थिति ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। हालांकि उन्हें अभी तक कोई स्थायी शिविर नहीं आवंटित किया गया है। वह कभी किसी अन्य संत के शिविर में तो कभी दूसरे के शिविर में निवास करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही उन्हें एक शिविर आवंटित करेगी और उचित सुविधाएं प्रदान करेगी।
भीड़ और एकांत में साधना
गंगापुरी महाराज जूना अखाड़े के नागा संत हैं और असम की कामाख्या पीठ से जुड़े हुए हैं। उनकी लोकप्रियता इस कदर बढ़ चुकी है कि सड़क पर निकलते ही लोग उनके साथ सेल्फी लेने और फोटो खींचने के लिए उत्साहित रहते हैं। इस वजह से वह अधिकांश समय किसी शिविर में या गंगा के तट पर एकांत में साधना करने में व्यस्त रहते हैं, ताकि वह अपने ध्यान में कोई विघ्न न आने पाए।
गहरी बातों के लिए प्रसिद्ध
गंगापुरी महाराज न केवल अपनी हाइट के कारण प्रसिद्ध हैं, बल्कि वह अपनी गूढ़ और आध्यात्मिक बातों के लिए भी जाने जाते हैं। उनके बारे में दूसरे संतों और श्रद्धालुओं का कहना है कि वह देखने में छोटे जरूर हैं, लेकिन उनका ज्ञान बहुत गहरा है। गंगापुरी महाराज का कहना है कि अपनी हाइट को कमजोरी नहीं बल्कि ताकत मानते हैं। उन्होंने महाकुंभ में स्नान पर्व में शामिल न होने का भी निर्णय लिया है। उनके अनुसार उनकी साधना का मुख्य उद्देश्य आत्मा और परमात्मा का मिलन है और यही साधना उन्हें इस रूप में स्वीकार करने की ताकत देती है।
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