जूना अखाड़ा की छावनी प्रवेश यात्रा आज सुबह 11 बजे मौजगिरी मंदिर, यमुना बैंक रोड, कीडगंज से शुरू होगी। इस यात्रा में भव्य रथों पर अखाड़े के ध्वज, देवताओं की मूर्तियों और प्रमुख संतों की शोभायात्रा...
महाकुंभ-2025 : प्रयागराज में साधु-संतों का जुटान शुरू, जूना और किन्नर अखाड़ा की भव्य यात्राएं आज
Dec 14, 2024 10:32
Dec 14, 2024 10:32
जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश
जूना अखाड़ा की छावनी प्रवेश यात्रा आज सुबह 11 बजे मौजगिरी मंदिर, यमुना बैंक रोड, कीडगंज से शुरू होगी। इस यात्रा में भव्य रथों पर अखाड़े के ध्वज, देवताओं की मूर्तियों और प्रमुख संतों की शोभायात्रा निकाली जाएगी। संतों के साथ उनके शिष्य, पारंपरिक घोड़े, ऊंट और सजी हुई बग्घियां शामिल होंगी। इस दौरान शहर की सड़कों पर संतों द्वारा पारंपरिक शस्त्र प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें तलवारबाजी और अन्य शिल्प कलाएं देखने को मिलेंगी। शहरवासी और भक्तजन यात्रा के भव्य स्वरूप को देखने के लिए सड़कों पर उमड़ने की उम्मीद है।
महान संतों का जमावड़ा
- जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज
- आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि
- महंत हरि गिरि महाराज (जूना अखाड़ा के संरक्षक)
- जगद्गुरु गर्गाचार्य मुचकुंद पीठाधीश्वर स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज
- स्वामी भुवनेश्वरी गिरि महाराज (पटियाला)
किन्नर अखाड़ा की देवत्व यात्रा और शिविर
किन्नर अखाड़ा की देवत्व यात्रा भी आज निकाली जाएगी। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में यह यात्रा अखाड़े के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक योगदान को प्रदर्शित करेगी। महाकुंभ के सेक्टर-16 संगम लोवर मार्ग के दाहिनी पटरी पर किन्नर अखाड़े का शिविर स्थापित किया जा रहा है। डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि शिविर में 10 जनवरी से विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी।
शिविर में नियमित अनुष्ठान और विशाल अन्नक्षेत्र
शिविर में पौष पूर्णिमा (13 जनवरी) से लेकर महाशिवरात्रि (26 फरवरी) तक प्रतिदिन पूजा, रुद्राभिषेक, हवन और सनातन धर्म पर गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा एक विशाल अन्नक्षेत्र भी चलाया जाएगा। जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे।
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारी जोरों पर
महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज में तैयारियां जोरों पर हैं। यह आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। छावनी प्रवेश और देवत्व यात्राएं महाकुंभ की आधिकारिक शुरुआत का संकेत हैं। जो सनातन परंपराओं और भारतीय संस्कृति का भव्य प्रदर्शन करेंगी।
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