महाकुंभ को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए आरपीएफ ने हर स्तर पर अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। यात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुखद यात्रा सुनिश्चित करने के लिए आरपीएफ ने कई विशेष प्रबंध किए हैं।
महाकुंभ में आरपीएफ के समक्ष चुनौतियां : 5000 जवान तैनात किए, हर स्तर पर तैयारी पूरी, जवानों को विनम्र व्यवहार के निर्देश
Jan 07, 2025 19:26
Jan 07, 2025 19:26
- सबोटाज (तोड़फोड़ और असामाजिक गतिविधियां)
- भगदड़
- आपदा (आगजनी, बम विस्फोट आदि)
- 5000 जवानों की तैनाती : स्टेशनों और रेलवे ट्रैक की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 5000 जवान तैनात किए गए हैं। इनमें आरपीएफ की विशेष कमांडो कंपनी "कोरस कमांडो" भी शामिल है।
- ड्रोन कैमरों से निगरानी : स्टेशनों, ट्रेनों और ट्रैक की निगरानी के लिए अत्याधुनिक ड्रोन कैमरों का उपयोग किया जाएगा।
- संवेदनशील क्षेत्रों की पेट्रोलिंग : रेलवे ट्रैक के संवेदनशील स्थानों पर 24 घंटे पेट्रोलिंग की जाएगी, जिसमें जीआरपी, सिविल पुलिस, और रेलवे इंजीनियरिंग विभाग शामिल होंगे।
- संदिग्धों पर निगरानी : आरपीएफ ने अपने खुफिया तंत्र और क्राइम यूनिट्स को सक्रिय किया है। आसूचना शाखाओं के साथ समन्वय बनाते हुए संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
- गांवों और झुग्गियों की जांच : रेलवे ट्रैक के पास स्थित गांवों, कस्बों, और झुग्गियों में बाहरी व्यक्तियों की गतिविधियों पर निगरानी की जा रही है।
- सीसीटीवी और एफआरएस तकनीक : प्रयागराज क्षेत्र के स्टेशनों पर 1000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें फेस रिकग्निशन सिस्टम (FRS) का उपयोग किया गया है। इन कैमरों में हजारों अपराधियों का डाटा अपलोड किया गया है, ताकि संदिग्धों की पहचान तुरंत की जा सके।
- मूवमेंट प्लान : स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए इन्टरनल और एक्सटरनल मूवमेंट प्लान तैयार किए गए हैं।
- स्पेशल ट्रेनें : उत्तर मध्य रेलवे 3134 स्पेशल ट्रेनों का संचालन करेगा, ताकि यात्रियों को उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके।
- रंगीन बाड़े : स्टेशनों पर श्रद्धालुओं को अलग-अलग गंतव्यों के लिए अलग-अलग रंग के बाड़ों के माध्यम से ले जाया जाएगा।
- विशेष टीमों की तैनाती : आरपीएफ, जीआरपी, मेडिकल स्टाफ और अन्य विभागों के साथ मिलकर रैपिड एक्शन टीम (RAT) का गठन किया गया है, जो हर आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगी।
- फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की मौजूदगी : स्टेशनों पर फायर ब्रिगेड के साथ-साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी।
- पीए सिस्टम का उपयोग : यात्रियों को अफवाहों से बचाने और सुरक्षा निर्देशों के प्रति जागरूक करने के लिए आरपीएफ जवान लगातार पीए सिस्टम के माध्यम से घोषणाएं करेंगे।
- सख्त चेकिंग : स्टेशनों पर प्रवेश के दौरान यात्रियों के सामान की जांच वैगेज स्कैनर, डीएफएमडी, एचएचएमडी और वेपर डिटेक्टर से की जाएगी। डॉग स्क्वाड और प्रशिक्षित स्टाफ भी तैनात रहेगा।
- ड्रोन की निगरानी : प्लेटफॉर्म, यार्ड, और रेलवे ट्रैक पर ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी। सभी ड्रोन लाइव फुटेज मेला कंट्रोल टॉवर को भेजेंगे।
- बम निरोधक दस्ता : बम और संदिग्ध वस्तुओं का पता लगाने के लिए आरपीएफ के 22 प्रशिक्षित स्वान और बम निरोधक दस्ता तैनात किया गया है।
- विशेष प्रशिक्षण : जवानों को दंगा नियंत्रण, आगजनी और आपदा प्रबंधन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
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