2025 में होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर जूना अखाड़े से जुड़े नागा साधुओं ने मेला क्षेत्र में केवल सनातनी लोगों के प्रवेश को लेकर एक अहम ऐलान किया है।
महाकुंभ 2025 : नागा साधुओं का बड़ा बयान, मेला में गैर सनातनियों को नहीं मिलेगा प्रवेश, माथे पर तिलक-हाथ में कलावा जरूरी
Dec 17, 2024 13:17
Dec 17, 2024 13:17
नागा संन्यासियों का ऐलान
नागा साधुओं ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर कोई सनातनी मेला क्षेत्र में प्रवेश करना चाहता है, तो उसके माथे पर तिलक और हाथ में कलावा होना अनिवार्य होगा। इस कदम को भारतीय संस्कृति और संगम नगरी की पवित्रता को संरक्षित रखने के उद्देश्य से उठाया गया है। उनका मानना है कि बिना इन प्रतीकों के कोई व्यक्ति महाकुंभ का हिस्सा नहीं बन सकता है।
संगम नगरी की पवित्रता पर जोर
नागा संन्यासियों ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका अखाड़ा और जुड़े हुए संत पूरे मेला क्षेत्र में अपनी निगाह बनाए रखेंगे। अगर कोई गैर सनातनी या संस्कृति के खिलाफ कोई हरकत करता हुआ दिखाई दिया, तो उसे पकड़ कर कड़ा सबक सिखाया जाएगा। नागा संन्यासियों ने यह भी कहा कि वे पूरी तरह से सक्षम हैं और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
अखाड़ा परिषद और नागा संन्यासियों का समर्थन
इससे पहले अखाड़ा परिषद के भी इसी तरह के बयान आए थे कि महाकुंभ में गैर सनातनी लोगों का प्रवेश वर्जित रहेगा। अब नागा संन्यासियों ने भी इसका समर्थन किया है और कहा है कि मेला क्षेत्र में सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
महाकुंभ में विशेष रणनीति
महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है, और इस दौरान बड़ी संख्या में साधु-संत और श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। 27 जनवरी को एक बड़ी धर्म संसद भी आयोजित की जाएगी, जिसमें विभिन्न धर्माचार्य और संत महात्मा भाग लेंगे। जूना अखाड़े के नागा संन्यासी शंकर भारती ने कहा कि गैर सनातनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अखाड़े ने कुछ विशेष रणनीतियां बनाई हैं, जिन्हें पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, अगर हिंदू समुदाय में कोई फर्जी साधु पाया जाता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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