प्रयागराज के महाकुंभ मेला पुलिस ग्राउंड पर आज एनडीआरएफ एक मॉक ड्रिल आयोजित की जिसमे अभ्यास का उद्देश्य बायोकेमिकल हथियारों और गामा किरणों के विकिरण से सुरक्षा उपायों का परीक्षण किया गया।
महाकुंभ 2025 के लिए NDRF की मॉक ड्रिल : प्रयागराज में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
Jan 03, 2025 16:01
Jan 03, 2025 16:01
बायोकेमिकल और रेडिएशन से निपटने के उपाय
मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ ने दिखाया कि किसी भी बायोकेमिकल हमले या रेडिएशन फैलाव के समय क्षेत्र को सुरक्षित करने और आपदा को नियंत्रित करने के लिए किन उपकरणों और रणनीतियों का उपयोग किया जाएगा। अभ्यास के दौरान यह भी प्रदर्शित किया गया कि प्रभावित क्षेत्र से घायलों को कैसे सुरक्षित निकाला जाएगा और उनका तत्काल उपचार कैसे किया जाएगा।
तीन चरणों में सुरक्षा योजना
ड्रिल के दौरान एनडीआरएफ ने अपनी सुरक्षा योजना को तीन चरणों में विभाजित किया। इसमें प्रारंभिक प्रतिक्रिया में आपदा के समय नागरिकों और श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से दुर्घटना स्थल से बाहर निकालना। आपातकालीन स्थिति में भगदड़ या किसी अन्य आपदा के दौरान श्रद्धालुओं की जान और स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना। बायोकेमिकल और रेडिएशन आपदा से जैविक हथियारों या रेडिएशन जैसे खतरों से जनता को बचाने के लिए आपातकालीन कदम उठाना।
डीआईजी मनोज शर्मा का बयान
एनडीआरएफ के डीआईजी श्री मनोज शर्मा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि एनडीआरएफ महाकुंभ 2025 में किसी भी आपदा से श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। यह मॉक ड्रिल न केवल हमारी तैयारी को दर्शाती है, बल्कि यह देश के दुश्मनों को चेतावनी भी है कि महाकुंभ पर किसी भी तरह का आघात करने की कोशिश न करें। शर्मा ने कहा कि मॉक ड्रिल के माध्यम से अत्याधुनिक उपकरणों और रणनीतियों के साथ समन्वित तरीके से कार्य करने की तैयारी की गई है।
महाकुंभ 2025 पर बढ़ते खतरे
महाकुंभ 2025 को लेकर हाल के दिनों में कई धमकी भरे ईमेल और वीडियो सामने आए हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता बढ़ गई है। इन खतरों को देखते हुए केंद्रीय अर्धसैनिक बल, उत्तर प्रदेश पुलिस और एनडीआरएफ के बीच समन्वय बढ़ाया जा रहा है।
आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का प्रदर्शन
ड्रिल में अत्याधुनिक उपकरणों का प्रदर्शन किया गया, जो बायोकेमिकल और रेडिएशन आपदाओं से निपटने में मददगार हैं। इसके साथ ही कम समय में अधिक से अधिक लोगों को बचाने की रणनीति पर जोर दिया गया।एनडीआरएफ ने इस अभ्यास के दौरान दिखाया कि किसी भी आपदा की स्थिति में अर्धसैनिक बलों, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय कैसे सुनिश्चित किया जाएगा। यह ड्रिल इस बात पर केंद्रित थी कि संकट के समय कुशलतापूर्वक घायलों को निकाला जाए और क्षेत्र को सुरक्षित किया जाए।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता
महाकुंभ 2025 में लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। ऐसे में, इस मॉक ड्रिल के माध्यम से एनडीआरएफ ने यह स्पष्ट किया कि वह किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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