राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अदाणी समूह पर अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी के आरोपों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भारत की प्रतिष्ठा पर आघात बताया और इस मुद्दे को संसद में उठाने का ऐलान किया।
अडानी ग्रुप : करोड़ों की रिश्वत का मामला अमेरिकी कोर्ट में, प्रमोद तिवारी ने इसे राष्ट्रीय प्रतिष्ठा पर आघात बताया
Nov 22, 2024 19:43
Nov 22, 2024 19:43
अमेरिकी अदालत में अदाणी समूह पर गंभीर आरोप
अमेरिका की न्यूयॉर्क अदालत में अडानी समूह और उनके अध्यक्ष गौतम अडानी पर सौर ऊर्जा अनुबंधों के लिए भारत में करोड़ों रुपये की रिश्वत देने का आरोप लगा है। अदालत के मुताबिक, यह रिश्वत एक बड़े ठेके को हासिल करने के लिए दी गई थी, जिसका मूल्य 2,236 करोड़ रुपये बताया गया है। प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह आरोप देश के लिए शर्मनाक हैं और इससे देश के गरीब और मध्यम वर्ग पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि सौर ऊर्जा जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं में ऐसे घोटाले देश के विकास की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।
भाजपा की भूमिका पर सवाल
प्रमोद तिवारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अदाणी समूह पर लगे इस गंभीर आरोप के बावजूद भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इसके बचाव में जुटा हुआ है। उन्होंने सवाल उठाया कि भाजपा इस घोटाले के बचाव में क्यों लगी हुई है, जबकि इसका संबंध देश के गरीबों और मध्यम वर्ग के हितों से है। तिवारी ने तंज करते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा इस मुद्दे को लेकर चिंतित हो क्योंकि "राज को राज रहने दो" जैसी कोई बात दबी हुई हो।
उन्होंने कहा कि ऐसे आरोपों को अदाणी समूह को स्वयं ही बचाव करना चाहिए था, लेकिन भाजपा के प्रवक्ताओं ने भी इसके बचाव में बयान दिए हैं, जिससे लोगों के मन में यह संदेह उत्पन्न होता है कि दाल में कुछ तो काला है। तिवारी ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए यह भी कहा कि अगर इस घोटाले की जांच सही तरीके से नहीं की जाती तो यह देश के लिए एक बड़े नुकसान का कारण बन सकता है।
संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग
प्रमोद तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस और इण्डिया गठबंधन संसद के सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगा और अदाणी समूह के कामकाज के सभी पहलुओं की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति से जांच की मांग करेगा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब विदेश में एक प्रमुख भारतीय कारोबारी पर आरोप लगाए जा रहे हैं, तो सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करें। तिवारी ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को चाहिए कि वह इस गंभीर आरोप को देखते हुए अदाणी को गिरफ्तार कर अमेरिका के हवाले करे।
भाजपा पर उपचुनाव में लोकतांत्रिक मानकों को तोड़ने का आरोप
प्रमोद तिवारी ने उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने उपचुनाव को जीतने के लिए सभी लोकतांत्रिक मानकों को तोड़ा है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को इस पर गंभीर संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए अलोकतांत्रिक हथकंडे अपनाए। तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग के निर्देशों के विपरीत पुलिस ने वोटर आईकार्ड की चेकिंग की और बैरिकेटिंग लगाकर मतदान को रोका, जिससे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं।
प्रमोद तिवारी का यह बयान देश के आर्थिक और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में सामने आया है। अदाणी समूह पर अमेरिकी अदालत में लगे आरोपों और भाजपा की भूमिका पर सवाल उठाते हुए तिवारी ने इस मुद्दे को संसद में उठाने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुरक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया है, ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों और अलोकतांत्रिक गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
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