राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अयोध्या में भाजपा की पराजय को लेकर पुरी के शंकराचार्य जगदगुरू स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के वक्तव्य को स्वागत योग्य कहा है...
Pratapgarh News : बोले प्रमोद तिवारी- भगवान श्रीराम के नाम का सहारा लेकर भावनाओं के साथ खिलवाड़ पर माफी मांगें पीएम
Jun 14, 2024 01:59
Jun 14, 2024 01:59
हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भाजपा सदैव अयोध्या, काशी सहित तीर्थस्थलियों में भी संरक्षित महात्म्य से राजनैतिक स्वार्थ में छेडछाड करते हुए भगवान श्रीराम के नाम का सहारा लेकर हिन्दुओं की भावनाओं और उनकी आस्था का इस्तेमाल सत्ता लोलुपता के लिए किया करती है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि शंकराचार्य के इस वक्तव्य से यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा और उसके पीएम मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए भगवान श्रीराम का पवित्र नाम आस्था का नाम नहीं, बल्कि सत्ता प्राप्ति के साधन मात्र हैं।
धर्म का इस्तेमाल राजनैतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए
विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि जगदगुरु निश्चलानंद सरस्वती का संदेश अत्यन्त महत्वता भरा हुआ सामने आया है। उन्होने कहा कि भाजपा के लिए यह कड़वा सबक है कि लोकसभा के चुनाव में जनादेश के तहत अयोध्या से लेकर अम्बेडकर नगर, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, प्रयागराज, चित्रकूट, रामटेक, नासिक, सबरी स्थली व रामेश्वरम में जहां जहां भगवान श्रीराम के रामगमन मार्ग पर भगवान श्रीराम के चरण कमल पड़े है। वहां वहां भाजपा के सफाए ने यह संदेश दिया है कि धर्म का इस्तेमाल कभी भी राजनैतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि भाजपा ने भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या की प्राचीन एवं भव्य पवित्रता को नष्ट करते हुए इस तपस्थली को आस्था का केंद्र नहीं बल्कि पर्यटन का केन्द्र बनाकर धन कमाने का एक साधन बनाया।
भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए जनता से क्षमा मांगनी चाहिए
उन्होने कहा कि तपस्थली से जुडे स्थानों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का कड़वा स्वाद चखना पड़ा और यहां से मिले जनादेश के मुताबिक पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए जनता से क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होने कहा कि भाजपा को यह पूरी तरह एहसास होना चाहिए कि देश की जनता की खुशहाली, मंहगाई पर नियंत्रण, रोजगार के अवसर का सृजन और भाई-चारे की मजबूती की जनाकांक्षा पर राजनीति केन्द्रित होनी चाहिए। उन्होने कहा कि देश के बहुमुखी विकास पर ठोस चिन्तन की जगह भाजपा लोगों को आपस मे लड़ाकर सत्ता प्राप्त करने के अपने हथकण्डे की वजह से ही तपस्थलियों पर जनता का विश्वास हासिल नही कर सकी।
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