Pratapgarh News :  अपर जिलाधिकारी ने वज्रपात से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी 

अपर जिलाधिकारी ने वज्रपात से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी 
UPT | प्रतापगढ़।

Aug 01, 2024 01:46

प्रतापगढ़ के अपर जिलाधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया है कि मौसम विभाग (आईएमडी) लखनऊ ने...

Aug 01, 2024 01:46

Pratapgarh News : प्रतापगढ़ के अपर जिलाधिकारी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण त्रिभुवन विश्वकर्मा ने बताया है कि मौसम विभाग (आईएमडी) लखनऊ ने प्रदेश के जिलो में वर्षा, अतिवृष्टि और वज्रपात (आकाशीय विद्युत) की सम्भावना व्यक्त की है। इन चिन्हित जिलों में जनपद प्रतापगढ़ भी आगामी कुछ दिनों के लिये ओरेन्ज और येलो जोन में है। जनपद में वर्षा के साथ वज्रपात (लाइटनिंग) हो रही है। जिसके लिए आकाशीय विद्युत से बचाव को लेकर एडवाइजरी जारी की है।

व्रजपात को लेकर जारी की एडवाइजरी
उन्होने बताया कि तेज आंधी-तूफान और भारी वर्षा के दौरान ऊॅची इमारतों, पेड़ों, जानवरों आदि पर बिजली गिरने की घटनायें होती रहती है। जिससे जान माल का नुकसान होता है। सावधानी और तैयारी से वज्रपात के खतरे को कम किया जा सकता है या उसके प्रभाव से बचा जा सकता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न आपदाओं के जोखिम को न्यूनीकृत करने के लिए राहत एवं बचाव के कार्यो को और भी प्रभावी एवं सक्रिय किये जाने के लिए एंड्रॉयड मोबाइल फोन के प्ले स्टोर से सचेत एवं दामिनी एप अनिवार्य रूप से डाउनलोड करते हुये इन मोबाइल एप के माध्यम से प्राप्त पूर्व की चेतावनी एवं एडवाइजरी के प्रभावी उपयोग से होने वाली क्षति को न्यूनीकृत किया जा सकता है।

यह बरते सावधानियां
उन्होने एडवाइजरी जारी करते हुए बताया है कि यदि आप खुले में हो तो तुरंत किसी पक्के मकान में शरण लें। सफर के दौरान अपने वाहन में ही बने रहे। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे एवं छत से दूर रहे। ऐसी वस्तुयें जो बिजली की सुचालक है, उनसे दूर रहे। बिजली के उपकरणों या तार के साथ सम्पर्क से बचें व बिजली के उपकरणों को बिजली के सम्पर्क से हटा दें। तालाब और जलाशयों से भी दूरी बनाए रखें। समूह में न खड़े हो, बल्कि अलग-अलग खड़े रहे। यदि आप जंगल में हो तो बोने एवं घने पेड़ों के शरण में चले जाये। बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खम्भा, तार की बाड़, मशीन आदि से दूर रहे। धातु से बने कृषि यंत्र डंडा आदि से अपने को दूर कर दें।

मदद के लिए तुरन्त 112 पर कॉल करें
पैदल जा रहे हो तो धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें, यदि घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुये। वज्रपात के मामले में मृत्यु का तत्कालिक कारण हृदयाघात है। अगर जरूरी हो तो संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा प्रारम्भ कर दें। संजीवन क्रिया, प्राथमिक चिकित्सा देने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि प्रभावित व्यक्ति के शरीर से विद्युत का प्रभाव न हो रहा हो। वज्रपात के बाद घर के अंदर तब तक रहें, जब तक कि आसमान साफ न हो जाये। स्थानीय प्रशासन को क्षति और मृत्यु की जानकारी दें। अगर कोई व्यक्ति वज्रपात की चपेट में आ गया है तो तुरन्त 112 पर कॉल करें और यथाशीघ्र पीड़ित को अस्पताल ले जाये। 

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