खंडहर हुआ राजकीय कृषि बीज भंडार केंद्र : हादसे के डर से अंदर नहीं जाते किसान, जान जोखिम में डालकर काम कर रहे कर्मचारी

हादसे के डर से अंदर नहीं जाते किसान, जान जोखिम में डालकर काम कर रहे कर्मचारी
UPT | खंडहर हुआ राजकीय कृषि बीज भंडार केंद्र।

Sep 16, 2024 22:18

रानीगंज तहसील मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार केंद्र की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। वर्षों पुराने इस भवन की दुर्दशा के बावजूद यहां विभागीय कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं।

Sep 16, 2024 22:18

Pratapgarh News : रानीगंज तहसील मुख्यालय से मात्र 500 मीटर की दूरी पर स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार केंद्र की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है। वर्षों पुराने इस भवन की दुर्दशा के बावजूद यहां विभागीय कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर हैं। किसान और स्थानीय लोग भी खतरों के बीच इस केंद्र पर जाने से कतराते हैं, क्योंकि किसी बड़े हादसे की आशंका हर समय बनी रहती है।

30 साल पुराना भवन, जर्जर स्थिति
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस भवन का निर्माण लगभग 30 वर्ष पूर्व हुआ था। एक हिस्सा तो पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो चुका है, जबकि दूसरा हिस्सा भी बुरी तरह जर्जर हो गया है। कर्मचारियों को भयावह स्थिति में काम करना पड़ता है, और मामूली बारिश में भी भवन के अंदर रखा बीज और खाद खराब हो जाता है। यहां तक कि दस्तावेज भी सुरक्षित नहीं रह पाते। 

साफ-सफाई की कमी और अनदेखी
केंद्र के आसपास की साफ-सफाई की हालत भी दयनीय है। चारों ओर घास-फूस और झाड़ियां उग आई हैं, जिससे यह क्षेत्र बेहद उपेक्षित दिखाई देता है। किसानों और स्थानीय लोगों का मानना है कि उच्च अधिकारी स्थिति से अनजान नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है। कई बार कर्मचारियों ने इस भवन की जर्जर हालत की शिकायत की, लेकिन अधिकारियों की कुंभकर्णी नींद अभी तक टूटी नहीं है।

किसानों की परेशानी
स्थानीय किसान अनुज पांडेय का कहना है कि बारिश के दौरान केंद्र में रखा बीज और खाद पूरी तरह भीग जाता है। मजबूरन किसान खराब बीज और खाद लेकर चले जाते हैं, जिससे फसल के परिणाम भी निराशाजनक होते हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या से किसान बेहद परेशान हैं, लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

बड़े हादसे की आशंका
रानीगंज के अधिवक्ता पंकज पांडेय ने कहा, "सरकार जहां किसानों को हाईटेक बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं इस बीज केंद्र की हालत बेहद नाजुक है। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।" उन्होंने मांग की कि इस केंद्र को जल्द से जल्द आधुनिक रूप से पुनर्निर्मित किया जाना चाहिए, ताकि किसानों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

अधिकारियों की उदासीनता
किसान रमेश सिंह ने भी जर्जर भवन की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भवन कभी भी गिर सकता है, और इसके लिए राजकीय बीज भंडार के उच्च अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। यदि इस केंद्र को हाईटेक बनाया जाए, तो यह किसानों और कर्मचारियों दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।

समय रहते यदि इस केंद्र की स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे किसानों और कर्मचारियों की जान पर बन आएगी। 

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