प्रयागराज के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में नकली नोट छापने और बच्चों के ब्रेनवॉश किए जाने के खुलासे के बाद मामला अब सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तक पहुंच गया है। अब कमेटी ने सौ पन्नों का जवाब प्रस्तुत किया है।
प्रयागराज नकली नोट केस : बुलडोजर एक्शन से पहले मदरसा कमेटी ने दिया 100 पन्नों का जवाब, SC भेजी कॉपी
Sep 19, 2024 18:40
Sep 19, 2024 18:40
- कमेटी ने सौ पन्नों का जवाब प्रस्तुत किया
- बुलडोजर एक्शन से पहले मदरसा कमेटी ने दिया जवाब
- मदरसा 18 सितंबर तक गिराने का था आदेश
मस्जिद की अनुमति ब्रिटिश राज से
मदरसा कमेटी ने अपने जवाब की कॉपी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी भेजी है। कमेटी का कहना है कि मदरसे में स्थित मस्जिद के लिए ब्रिटिश हुकूमत से अनुमति प्राप्त की गई थी, जब प्रयागराज प्राधिकरण का गठन नहीं हुआ था। कमेटी ने अपना पक्ष रखते हुए आवश्यक दस्तावेज भी प्रस्तुत किए हैं।
मदरसा कमेटी का दावा
मदरसा कमेटी ने विकास प्राधिकरण में 12 सितंबर को लिखित जवाब दाखिल कर दिया था, जिसमें सौ पन्नों से अधिक की रिपोर्ट और नक्शे शामिल थे। विकास प्राधिकरण ने मदरसे के प्रतिनिधि को अपने कार्यालय में पक्ष रखने के लिए बुलाया। जानकारी के अनुसार, मदरसा कमेटी का दावा है कि सभी निर्माण पूरी तरह से वैध हैं और इन्हें विकास प्राधिकरण सहित अन्य सरकारी विभागों की अनुमति से ही तैयार किया गया है।
मदरसा 18 सितंबर तक गिराने का आदेश
प्रयागराज प्राधिकरण ने नोटिस में कहा था कि मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम को 18 सितंबर तक गिरा दिया जाएगा। यह एक्शन 4 सितंबर को लिया गया था। इससे पहले, 27 अगस्त को मदरसे में नकली करेंसी छापते हुए मौलवी समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
प्राधिकरण का आरोप
प्रयागराज प्राधिकरण का आरोप है कि मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम की तीन मंजिला इमारत बिना नक्शा पास कराए बनाई गई है। प्राधिकरण ने यह भी बताया कि अब तक 2700 स्क्वायर फीट में अवैध निर्माण पाए गए हैं। यह मदरसा शहर के सबसे पॉश इलाकों में से एक, अतरसुइया में स्थित है।
Also Read
22 Nov 2024 08:36 PM
प्रयागराज महाकुंभ में देश भर की समृद्ध कला, संस्कृति और आध्यात्म का संगम देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग ने इस महापर्व को भारतीय संस्कृति का दर्पण बनाने के लिए विशेष आयोजन की योजना बनाई है... और पढ़ें