Prayagraj
ऑथर Jyoti Yadav

Prayagraj News : अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर खेलो प्रयागराज का होगा शुभारंभ

अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर खेलो प्रयागराज का होगा शुभारंभ
Uttar Pradesh Times |

Dec 23, 2023 17:36

प्रयागराज में पहली बार देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर "खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023" का आयोजन होने जा रहा है।

Dec 23, 2023 17:36

Short Highlights
  • "खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023" की शुरुआत
  • महापौर कप 2023 में कुल 9 खेलों को शामिल किया गया है
Prayagraj News : प्रयागराज में पहली बार देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर "खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023" का आयोजन होने जा रहा है। पीएम मोदी के खेलो इंडिया मुहिम से प्रेरित होकर प्रयागराज के मेयर उमेशचंद्र गणेश केसरवानी ने "खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023" की शुरुआत की है।

नौ खेलों को किया गया शामिल 
खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023 में कुल 9 खेलों को शामिल किया गया है। इसका आयोजन 25 दिसंबर 2023 से 5 जनवरी 2024 के बीच किया जाएगा। जिसमें बास्केटबॉल,कबड्डी, हैंडबॉल, हॉकी खो-खो,वॉलीबॉल, एथलेटिक्स, टेनिस, रोईंग खेलों की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।

प्रयागराज के लोग ही खेल में ले सकते है भाग 
प्रतियोगिता में लगभग 1500 खिलाड़ी अब तक रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। जिसमें हर खेल के लिए आठ-आठ बालक और बालिकाओं की टीमें शामिल हैं। खेलो प्रयागराज महापौर कप 2023 का उद्घाटन 25 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित पंडित मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में किया जाएगा। जबकि समापन 5 जनवरी 2024 को दोपहर 2:00 बजे चंद्रशेखर आजाद पार्क में स्थित मदन मोहन स्टेडियम में ही होगा। मेयर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी के मुताबिक इन प्रतियोगिताओं में प्रयागराज नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नागरिक और शैक्षिक संस्थानों के छात्र छात्राएं ही भाग ले सकते है। इन खेल प्रतियोगिताओं में आयु सीमा का कोई प्रतिबंध नहीं रखा गया है।

Also Read

12 साल बाद बदली शाही स्नान की परंपरा, जूना अखाड़े को मिली अगुवाई

7 Oct 2024 07:41 PM

प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर नया इतिहास : 12 साल बाद बदली शाही स्नान की परंपरा, जूना अखाड़े को मिली अगुवाई

12 साल बाद लगने वाले इस महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े को अग्रणी भूमिका दी जानी थी, लेकिन जूना अखाड़े को प्राथमिकता दी गई, जो संन्यासी परंपरा का सबसे बड़ा अखाड़ा माना जाता है... और पढ़ें