Prayagraj News : महाकुंभ में सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से मशहूर हुईं हर्षा रिछारिया, वीडियो वायरल होते ही पलटीं, लाखों फालोअर्स का इजाफा

महाकुंभ में सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से मशहूर हुईं हर्षा रिछारिया, वीडियो वायरल होते ही पलटीं, लाखों फालोअर्स का इजाफा
UPT | महाकुंभ में सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से मशहूर हुईं हर्षा रिछारिया।

Jan 14, 2025 02:16

महाकुंभ में पहले ही दिन सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर हो गईं, हर्षा रिछारिया अपने पुराने वीडियो वायरल होते ही पलट गई है...

Jan 14, 2025 02:16

Prayagraj News : महाकुंभ में पहले ही दिन सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर हो गईं, हर्षा रिछारिया अपने पुराने वीडियो वायरल होते ही पलट गई हैं। दो साल पहले साध्वी बनने की बात कहने वाली हर्षा रिछारिया ने अब कहा कि उन्हें साध्वी न कहा जाए। यह भी कहा कि वह साध्वी नहीं बनी हैं। खुद को साध्वी कहने का दोष भी हर्षा ने सोशल मीडिया के माथे पर चिपका दिया है। हालांकि हर्षा इस बात से गदगद हैं कि उन्हें सबसे खूबसूरत साध्वी का तमगा मिलने से वह पूरी दुनियाा में छा गई हैं। सोशल मीडिया पर उनके फालोअर्स की संख्या में भी लाखों का इजाफा हो गया है।



महाकुंभ में सबसे पहले हर्षा शनिवार को निरंजनी अखाड़े की शोभायात्रा के वक्त एक रथ पर साधु संतों के साथ बैठी नजर आई थीं। इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे बात की। एक महिला रिपोर्टर ने बातचीत के दौरान जब उनसे कहा कि आप इतनी सुंदर हैं, कभी मन नहीं किया कि साध्वी का वेश छोड़कर....। इस पर हर्षा ने कहा था कि मुझे जो करना था उसे छोड़कर यह वेश धारण किया है। हर्षा ने अपनी उम्र 30 साल बताते हुए यह भी कहा कि पिछले दो साल से वह साध्वी हैं। तभी से उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ और सबसे खूबसूरत साध्वी के नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर हो गईं थीं। इसके बाद उनके कई पुराने और ग्लैमरस वीडियो भी वायरल होने लगे। दो साल पहले साध्वी बनने की उनकी बातों पर भी सवाल उठा। पिछले ही महीने बैंकाक में एंकरिंग करते हुए भी उनकी फोटो सामने आ गई। ऐसे में सोमवार को हर्षा ने सच्चाई सामने ला दी।

साध्वी का टैग देना अभी ठीक नहीं
एक न्यूज चैनल से बातचीत करने के दौरान हर्षा ने कहा कि मैं साध्वी की तरफ बढ़ रही हूं, अभी तक साध्वी बनी नहीं हूं। साधू बनने के लिए एक दीक्षा लेनी होती है। कई संस्कार करने होते हैं। मेरी वेशभूषा को देखकर लोगों ने साध्वी हर्षा नाम दे दिया। मैं भी दो दिन से देख रही हूं कि मुझे सबसे खूबसूरत साध्वी कहा जा रहा है। यह सब देखकर अच्छा लग रहा है लेकिन मैं यही कहूंगी कि मुझे साध्वी का टैग देना अभी ठीक नहीं है। मेरे गुरुदेव ने इसकी आज्ञा भी नहीं दी है। ऐसे में साध्वी कहना ठीक नहीं है।

ये भी पढ़ें : शास्त्र और शस्त्र का संगम : जानें पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े का गौरवशाली इतिहास, जिन्हें मिली महाकालेश्वर की पूजा की जिम्मेदारी

अब 8 लाख हो चुके हैं फॉलोअर्स
हर्षा असल में एंकर, मॉडल और सोशल मीडिया एन्फ्लूएंशर हैं। महाकुंभ में आने से पहले इंस्ट्राग्राम पर उनके साढ़े 5 लाख के करीब फॉलोअर्स थे। जो अब 8 लाख हो चुके हैं। ऐसे में वह गदगद भी हैं। ग्लैमर की दुनिया से यहां साधु संतों के साथ महाकुंभ में आने को लेकर उनका कहना है कि कुछ चीजें भाग्य में लिखी होती हैं। कुछ पुराने जन्मों का फल भी होता है। हमारी जिंदगी में कब क्या होना है, यह सब ऊपर से निर्धारित होता है। मैं बहुत अच्छी लाइफ पहले से जी रही हूं। देश-विदेश में खूब घूमा है। पिछले कुछ समय से मैंने उस लाइफ से विराम लिया है। अब साधना में हूं, गुरुदेव की शरण में आई हूं। अब लगता है कि इस जिंदगी को ज्यादा इंज्वाय कर रही हूं।

ये भी पढ़ें : UPPCL Privatisation : विरोध को दरकिनार कर टेंडर जारी, उपभोक्ता परिषद बोला- लीगल वैधता नहीं, बच्चों का खेल बंद करे प्रबंधन

हम केवल परमपिता परमेश्वर से जुड़े हैं : हर्षा
हर्षा ने ग्लैमर की दुनिया से साधु संतों के बीच रहने और इस हृदय परिवर्तन के पीछे के कारणों पर कहा कि देखिए जब हम लोग उस जीवन में जीते हैं तो अधिक दिखावा वाली जिंदगी होती है। उस समय लगता है कि किसे क्या बढ़िया लगेगा और क्या खराब लगेगा। लेकिन अब यह वाली जो जिंदगी है उससे बिल्कुल अलग है। यहां हम किसी को कुछ नहीं दिखा रहे हैं। हम केवल परमपिता परमेश्वर से जुड़े हैं। यह हृदय परिवर्तन अपने आप होता है। हर्षा ने कहा कि जैसे यहां भी जो लोग आ रहे हैं सभी भक्ति के लिए नहीं आ रहे हैं। बहुत से लोग तो ऐसे हैं केवल सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के लिए आए हैं। अपनी रीच बढ़ाने के लिए यहां आए हैं।

Also Read

पहली बार भोगाली बिहू का आयोजन, महिलाओं ने प्रस्तुत किया नृत्य

14 Jan 2025 05:36 PM

प्रयागराज महाकुम्भ में दिखा असमिया संस्कृति का रंग : पहली बार भोगाली बिहू का आयोजन, महिलाओं ने प्रस्तुत किया नृत्य

महाकुम्भ प्रयागराज में इस बार पूर्वोत्तर के राज्यों की कई परंपराएं पहली बार देखने को मिलीं। मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुम्भ मेला परिसर में पूर्वोत्तर का प्रसिद्ध पर्व भोगाली बिहू बड़े धूमधाम से मनाया गया। और पढ़ें