इस बार, बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवार से मिलाने के लिए मेला क्षेत्र में एक खास पहल की गई है। त्रिवेणी मार्ग चौराहे पर एक कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र स्थापित किया गया है...
महाकुंभ में हाईटेक खोया-पाया केंद्र : गेमिंग जोन से लेकर मनोवैज्ञानिक सुविधाएं उपलब्ध, रहना-खाना मिलेगा मुफ्त
Dec 26, 2024 14:40
Dec 26, 2024 14:40
बच्चों के लिए तैयार किया गया गेमिंग जोन
इस कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र में बच्चों के लिए एक गेमिंग जोन भी तैयार किया गया है, जिससे छोटे बच्चे मेले के दौरान सुरक्षित और खुशहाल रह सकें। एसडीएम ज्ञान प्रकाश यादव के अनुसार, यह केंद्र मेला प्राधिकरण के कार्यालय के पास त्रिवेणी रोड चौराहे पर संगम पुलिस चौकी के नजदीक स्थित है। इसके अलावा, इस केंद्रीय केंद्र से जुड़ी हुई 10 अन्य शाखाएं भी मेला क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में स्थापित की गई हैं, ताकि हर सेक्टर में बिछड़े लोगों को मदद मिल सके।
खाने-पीने और इलाज की सुविधा मुफ्त
केंद्र में रहने, खाने और आराम करने की सुविधाओं के साथ-साथ एक चिकित्सा कक्ष और मनोवैज्ञानिक कक्ष भी तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 दिसंबर को इस कंप्यूटरीकृत खोया-पाया केंद्र का उद्घाटन किया था। इस केंद्र में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग कमरे, चिकित्सा सेवा और मानसिक सहायता के लिए मनोवैज्ञानिकों की उपस्थिति भी सुनिश्चित की गई है। यह कदम उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण होगा जो मेले के दौरान मानसिक तनाव या घबराहट का सामना कर सकते हैं।
एआई तकनीक से मिलेगी मदद
एसडीएम ज्ञान प्रकाश यादव ने यह भी बताया कि केंद्र में भोजन और पानी की नि:शुल्क व्यवस्था की जाएगी, ताकि बिछड़े हुए लोग किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करें। एआई तकनीक की सहायता से बिछड़े हुए लोगों को उनके परिवारों से मिलाने में मदद मिलेगी, जबकि सीसीटीवी कैमरों के जरिए कंप्यूटर से तस्वीरों और वीडियो फुटेज का मिलान किया जाएगा। इससे खोए हुए व्यक्तियों की पहचान करने में आसानी होगी और उनके परिवारों तक उनकी वापसी सुनिश्चित की जा सकेगी।
डिजिटल रूप में कर सकेंगे शिकायत
इसके अलावा, केंद्र में आने वाले लोग अपनी शिकायतें डिजिटल रूप से भी दर्ज करवा सकते हैं। इसके लिए, किसी भी व्यक्ति को 1920 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी। शिकायत के आधार पर, कंप्यूटर द्वारा एक स्केच तैयार किया जाएगा, जिसे एआई तकनीक के जरिए भीड़ की वीडियो फुटेज और तस्वीरों से मिलाकर बिछड़े हुए व्यक्तियों का पता लगाया जाएगा। यह प्रणाली खोये हुए लोगों की पहचान को जल्दी और सटीक तरीके से सुनिश्चित करने में मदद करेगी।
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