Mahakumbh 2025 : संगम नगरी प्रयागराज न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है, बल्कि इसकी सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। इसी परंपरा को जीवंत करते हुए 20 से 22 दिसंबर तक 'बज़्म-ए-विरासत' का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम को आगामी महाकुंभ 2025 का कर्टन रेजर माना जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन प्रयागराज में जन्मे प्रसिद्ध फिल्मकार, लेखक और अभिनेता तिग्मांशु धूलिया के नेतृत्व में हो रहा है। उन्होंने इसे प्रयागराज की समृद्ध साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर से नई पीढ़ी को जोड़ने का एक प्रयास बताया।
बज़्म-ए-विरासत का उद्घाटन और प्रमुख आकर्षण
बिशप जॉनसन स्कूल प्रयागराज में कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 11 बजे पंडित हरिप्रसाद चौरसिया करेंगे। इसके बाद दिनभर संगीत, साहित्य और नाटक से भरपूर कार्यक्रम होंगे। इसका मुख्य प्रमुख आकर्षण केंद्र लंतरानी (प्रयागराज की मशहूर साहित्यिक प्रस्तुति होगी। इसके साथ ही कॉमेडियन संदीप शर्मा की स्टैंडअप कॉमेडी का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। इसके साथ ही अनिरुद्ध वर्मा के साथ लाइव कंसर्ट करेंगे। अभिनेता कुमुद मिश्रा का प्रसिद्ध नाटक 'पुराने चावल'।
दूसरे दिन का कार्यक्रम
दूसरे दिन की शुरुआत सुबह 11 बजे प्रसिद्ध गायिका शुभा मुद्गल के सुरों की जादूगरी के बाद फिल्मी चर्चा इस दौरान फिल्मकार सुधीर मिश्रा, नंदिता दास, अनुराग कश्यप, और लेखक कौसर मुनीर फरीद और निखत काजमी की स्मृति में आयोजित परिचर्चा में हिस्सा लेंगे। दोपहर में इलाहाबाद इन लिटरेचर विषय पर विद्वानों द्वारा चर्चा की जाएगी। इसके बाद शाम को मुशायरा और कवि सम्मेलन होगा, जिसमें देश के जाने-माने शायर और कवि वसीम बरेलवी, पॉपुलर मेरठी, राजेश रेड्डी, अजहर इकबाल अपनी प्रस्तुति देंगे।
अंतिम दिन का शुभारंभ सुबह 11 बजे महान शायर फिराक गोरखपुरी पर परिचर्चा से होगा। सबसे पहले फिराक गोरखपुरी पर चर्चा होगी इसमें मौजूद वक्ता प्रोफेसर असलम, प्रोफेसर अहमद महफूज, प्रोफेसर हेरम्ब चतुर्वेदी, और यश मालवीय ने विशेष प्रस्तुतियां का कर संगीतकार अमित सहगल को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके साथ बॉलीवुड से अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अली फजल, तिग्मांशु धूलिया, और संजय मिश्रा के साथ संवाद सत्र। चलेगा जिसमें जिक्र-ए-फारूकी और दास्तान-ए-मीर जैसे साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
तीन दिवसीय आयोजन का समापन आरडी बर्मन नाइट के साथ होगा, जिसमें किशोर सोढ़ा और उनकी टीम अपनी प्रस्तुति देंगे। तिग्मांशु धूलिया का दृष्टिकोण तिग्मांशु धूलिया ने कहा कि प्रयागराज की साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत करने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "बज़्म-ए-विरासत नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक प्रयास है।" उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आयोजन हर वर्ष आयोजित किया जाएगा, ताकि स्थानीय साहित्यकारों और कलाकारों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच मिल सके। प्रयागराज की संस्कृति और नई पीढ़ी के लिए सीखने का अवसर बज़्म-ए-विरासत' प्रयागराज के साहित्यिक और सांस्कृतिक खजाने को प्रदर्शित करेगा और नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ने का काम करेगा। तीन दिनों तक चलने वाला यह महोत्सव कला, संगीत, साहित्य और सिनेमा का संगम होगा।