हाईकोर्ट का अहम फैसला : 20 साल पुराने बाल विवाह को अमान्य घोषित किया, मुआवजे का दिया आदेश

20 साल पुराने बाल विवाह को अमान्य घोषित किया, मुआवजे का दिया आदेश
सोशल मीडिया | प्रतीकात्मक फोटो

Nov 09, 2024 16:12

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2004 में 12 और 9 वर्षीय बच्चों के बाल विवाह को अवैध और अमान्य घोषित कर दिया है। अदालत ने कुटुंब न्यायालय के फैसले को पलटते हुए कहा कि...

Nov 09, 2024 16:12

Prayagraj News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2004 में 12 और 9 वर्षीय बच्चों के बाल विवाह को अवैध और अमान्य घोषित कर दिया है। अदालत ने कुटुंब न्यायालय के फैसले को पलटते हुए कहा कि यह मामला समय सीमा के भीतर दायर किया गया था। न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डी. रमेश की पीठ ने गौतमबुद्ध नगर की एक कुटुंब अदालत के निर्णय के खिलाफ संजय चौधरी नाम के व्यक्ति की अपील पर यह आदेश पारित किया।

बाल विवाह को अमान्य घोषित किया
कुटुंब अदालत में दायर मुकदमे में अपील कर्ता ने अपने विवाह को अमान्य घोषित किए जाने का अनुरोध किया था। हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि अपीलकर्ता संजय चौधरी ने 28 नवंबर 2004 को हुई शादी को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया था, जिसे कुटुंब अदालत ने पहले खारिज कर दिया था। कुटुंब अदालत में यह साबित हुआ कि अपीलकर्ता का जन्म 7 अगस्त 1992 को हुआ था, जबकि उसकी पत्नी का जन्म 1 जनवरी 1995 को हुआ। इन तारीखों के हिसाब से शादी के समय अपीलकर्ता की आयु लगभग 12 वर्ष थी और उसकी पत्नी की आयु लगभग 9 वर्ष थी।



कुटुंब अदालत ने मुकदमे को खारिज कर गलती की
हाईकोर्ट ने कहा कि कुटुंब अदालत ने इस मुकदमे को खारिज करने में गलती की है। अदालत ने स्पष्ट किया कि अपीलकर्ता ने सही समय पर अपने मामले को पेश किया और 23 वर्ष तक की आयु की समयसीमा के भीतर इसे दायर करने का अधिकार था। पीठ ने कहा कि अधीनस्थ अदालत का यह निर्णय निराधार था और इसे रद्द कर दिया गया है। अदालत ने इस फैसले के साथ ही अपीलकर्ता को प्रतिवादी को 25 लाख रुपये का मुआवजा एक महीने के भीतर देने का आदेश दिया।

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