Prayagraj News : हाईकोर्ट ने कहा- शादी का वादा कर संबंध बनाना दुष्कर्म, केस रद्द करने से इंकार

हाईकोर्ट ने कहा- शादी का वादा कर संबंध बनाना दुष्कर्म, केस रद्द करने से इंकार
UPT | इलाहाबाद हाईकोर्ट

Sep 12, 2024 01:47

लाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी महिला से शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाना प्रथम दृष्टया दुष्कर्म है। न्यायालय दुष्कर्म...

Sep 12, 2024 01:47

Prayagraj News : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी महिला से शादी का झांसा देकर या वादा कर उससे शारीरिक संबंध बनाना प्रथम दृष्टया दुष्कर्म है। न्यायालय दुष्कर्म सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि विवाह का वादा कर शारीरिक संबंध बनाना, इच्छा के विरुद्ध धोखाधड़ी, धमकी देकर संबंध बनाना प्रथम दृष्ट्या दुष्कर्म है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने राघव कुमार की याचिका पर यह आदेश दिया।



चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया, फिर संबंध बनाया
याची पर आगरा के महिला थाना में 15 नवंबर 2018 को एक युवती ने दुष्कर्म सहित अलग-अलग कई धाराओं में मुकदमा कराया। आरोप है कि याची और शिकायतकर्ता युवती आगरा में एक साथ पढ़ते थे तथा एक- दूसरे से मिलते रहते थे। युवती का आरोप है कि राधव ने उसे अपने घर पर बुलाया। इसके बाद वह चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया। जब युवती बेहोशी हालत मे हो गई तो उसके साथ संबंध बनाया। इस घटना का वीडियो व फोटो भी बना लिया। इस पूरे प्रकरण में याची के परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल थे।

युवती ने हाईकोर्ट में दी चुनौती
युवती ने आरोप लगाया कि इस घटना के बाद याची ने कहा, उससे शादी करो नहीं तो फोटो वायरल कर बदनाम कर देंगे। ऐसे में मजबूर होकर शादी के लिए तैयार हो गई। इस दौरान याची ने कई बार शादी का झांसा देकर संबंध बनाया। बाद में शादी से करने से मुकर गया। इस पर युवती ने दुष्कर्म सहित अलग-अलग कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया, जिसे याची ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।

दोनों एक साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे
याची के वकील का कहना कि युवती और याची एक साथ पढ़ रहे थे और दोनों सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे थे। दोनों एक-दूसरे को जानते थे। ऐसे में आपसी सहमति से संबंध बनाए और ऐसा संबंध लंबे समय तक चलता रहा। सहमति से बने संबंध मामले में दुष्कर्म की धाराओं में कार्रवाई नहीं की जा सकती। वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि याची और युवती के बीच रिश्ते की शुरुआत धोखाधड़ी पर आधारित है। बनाए गए संबंध में युवती को सहमति नहीं थी। इसलिए प्रथम दृष्टया दुष्कर्म का अपराध बनता है। न्यायालय ने तथ्यों का अवलोकन कर पाया कि युवती से प्रथम बार बेहोशी की हालत में संबंध बनाया गया। बाद में शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाया गया। युवती की ओर से कोई सहमति नहीं थी। इसलिए बलात्कार का अपराध प्रथम दाखिला बनता है। 

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