इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : बैंक में जमा धन पर नॉमिनी का अधिकार...लेकिन कानूनी वारिसों का भी हक

बैंक में जमा धन पर नॉमिनी का अधिकार...लेकिन कानूनी वारिसों का भी हक
UPT | इलाहाबाद हाई कोर्ट

Nov 19, 2024 12:54

बैंक खाताधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को बैंक में जमा राशि प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राशि नॉमिनी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं मानी जाएगी...

Nov 19, 2024 12:54

Short Highlights
  • हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • FD की राशि नॉमिनी की निजी संपत्ति नहीं
  • कानूनी वारिसों में होगा बंटवारा
Prayagraj News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिसमें बैंक खाताधारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को बैंक में जमा राशि प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राशि नॉमिनी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं मानी जाएगी, बल्कि यह उत्तराधिकार कानूनों के तहत कानूनी वारिसों में बांटी जाएगी। इस फैसले से यह भी साफ हो गया कि नॉमिनी को बैंक से राशि तो मिलेगी, लेकिन अन्य कानूनी उत्तराधिकारी भी इस पर अपना दावा पेश कर सकते हैं।

बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 के तहत अधिकार
दरअसल, यह मामला तब सामने आया जब याचिकाकर्ता मनोज कुमार शर्मा ने दावा किया कि वह अपनी मां के फिक्स्ड डिपॉजिट के नॉमिनी है और बैंक से यह राशि प्राप्त करने के हकदार हैं। उनका कहना था कि बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 45ZA के तहत नॉमिनी को यह अधिकार प्राप्त है। कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के पुराने निर्णय का भी जिक्र किया, जिसमें नॉमिनी को केवल खाताधारक की मृत्यु के बाद ही जमा राशि प्राप्त करने का अधिकार दिया गया था, लेकिन यह राशि नॉमिनी के निजी स्वामित्व में नहीं जाएगी।



क्या बोले याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता के अनुसार, उनकी मां का निधन 8 फरवरी 2020 को हुआ था और वह अपनी मां के फिक्स्ड डिपॉजिट के पैसे के हकदार थे। लेकिन सिविल जज सीनियर डिवीजन मुरादाबाद ने उनके उत्तराधिकार के दावे को खारिज कर दिया था, क्योंकि उनकी मां की वसीयत को चुनौती दी जा रही थी। इसके बाद मनोज कुमार शर्मा ने इस मामले को कोर्ट में उठाया। 

नॉमिनी को पैसे प्राप्त करने का अधिकार, लेकिन...
प्रतिवादियों के वकील ने अदालत में यह तर्क दिया कि धारा 45ZA नॉमिनी को पैसे प्राप्त करने का अधिकार देती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह उत्तराधिकार कानूनों को बदल देती है। अगर नॉमिनी को बैंक से राशि मिलती है, तो उसे कानूनी वारिसों के अधिकार का सम्मान करना होगा। अदालत ने यह भी कहा कि नॉमिनी को मिली राशि कानूनी उत्तराधिकारियों के अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचाएगी और अगर वह राशि नॉमिनी को दी जाती है, तो उसे एक ट्रस्ट के रूप में रखा जाएगा और कानूनी फैसले के अनुसार वितरित किया जाएगा।

कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को दिया आदेश
अदालत ने यह आदेश दिया कि नॉमिनी को बैंक से राशि प्राप्त करने का अधिकार होगा, लेकिन यह राशि नॉमिनी की निजी संपत्ति नहीं मानी जाएगी। कोर्ट ने बैंक ऑफ बड़ौदा को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को तीन हफ्ते के भीतर राशि जारी करे, बशर्ते वह एक शपथ पत्र दायर करे कि यह राशि कानूनी वारिसों के लिए ट्रस्ट के रूप में रखी जाएगी और उन्हें कानूनी आदेशों के अनुसार वितरित की जाएगी। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया कि नॉमिनी के अधिकारों को उत्तराधिकार कानूनों से अलग नहीं किया जा सकता।

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर में सभी स्कूल बंद करने का आदेश : वायु प्रदूषण के चलते लिया गया फैसला, डीएम ने सख्त कार्रवाई की दी चेतावनी

Also Read

24 घंटे होगी सप्लाई, 30 जनरेटर व स्टेबलाइजर लगाए जा रहे

19 Nov 2024 02:32 PM

प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में 85 ट्यूबवेल से होगी जलापूर्ति : 24 घंटे होगी सप्लाई, 30 जनरेटर व स्टेबलाइजर लगाए जा रहे

महाकुंभ 2025 को स्वच्छ और सुगम बनाने की दिशा में जल निगम पूरे जोश के साथ कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के मुताबिक जिस तरह महाकुंभ नगरी ने आकार लेना शुरू कर दिया है, उसके साथ ही महाकुंभ क्षेत्र में सुविधा व्यवस्थाओं का भी इंतजाम शुरू हो गया है। और पढ़ें