मुंबई की रहने वाली यहूदी किन्नर ईशा बेंजामिन महाकुंभ में किन्नर अखाड़े से जुड़कर दीक्षा लेने जा रही हैं। इसके साथ ही साथ किन्नर अखाड़े में ईशा बेंजामिन की चादर पोशी और पट्टाभिषेक कर महंत की पदवी दिए जाने की तैयारी है...
यहूदी ईशा बेंजामिन किन्नर अखाड़े में हुई शामिल : महाकुंभ में होगा पट्टाभीषेक, सनातन धर्म का करेंगी प्रचार
Nov 05, 2024 18:17
Nov 05, 2024 18:17
कौन है ईशा बेंजामिन
दरअसल 39 वर्षीय ईशा बेंजामिन मुंबई में रहने वाली एक ट्रांसजेंडर हैं। ईशा बेंजामिन यहूदी धर्म से ताल्लुक रखती हैं। यह भारतीय नागरिक हैं। लेकिन इनका रूट इजरायल का है। इनके पिता इमैनुएल बेंजामिन बॉलीवुड में कोरियोग्राफर थे। जो कि बॉलीवुड में बाबा हरमन के नाम से मशहूर थे। वहीं इशा बेंजामिन की मां विजया एक सनातनी महिला थी और मुंबई की ही रहने वाली थी। ईशा ने बचपन से ही यहूदी धर्म के साथ ही साथ सनातन धर्म को भी करीब से देखा है। उनकी मां मंदिर जाती थी घर में पूजा भी करती थी। धीरे-धीरे ईशा बेंजामिन का भी झुकाव सनातन धर्म की ओर बढ़ने लगा। इस बीच माता और पिता दोनों का निधन हो गया। ईशा बेंजामिन ने अपनी 2 साल बड़ी बहन की शादी बड़े धूमधाम से की। ईशा बेंजामिन कामर्स ग्रेजुएट हैं और अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनी फिडेलिटी इनफॉरमेशन सर्विस में नौकरी करती हैं। वह पेमेंट एंड सॉल्यूशन के मामले देखती हैं।
नौकरी के साथ किन्नर अखाड़े में देती हैं समय
कोविड के दौरान ईशा बेंजामिन के पास काफी वक्त रहता था। जिसके चलते उन्होंने सनातन धर्म की तमाम पुस्तकों का अध्ययन किया। इसके बाद उनका झुकाव सनातन धर्म के प्रति बढ़ता गया। इस बीच ईशा बेंजामिन की मुलाकात किन्नर अखाड़े के संस्थापक और आचार्य महामंडलेश्वर डॉ लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से हुई। पिछले करीब दो साल से वह किन्नर अखाड़े से जुड़ी हुई हैं। मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी के साथ ही साथ वह किन्नर अखाड़े को भी पूरा समय देती हैं।
सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं
ईशा बेंजामिन का कहना है कि वह सनातन धर्म से जुड़कर सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना चाहती हैं। उनके मुताबिक महाकुंभ में चादर पोशी और पट्टाभिषेक कर उन्हें महंत बनाया जाएगा। जिसको लेकर वह बेहद उत्साहित भी हैं। ईशा बेंजामिन का सनातन धर्म के प्रति लगाव इतना बढ़ गया है कि वह कहती है कि अगर सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में उन्हें नौकरी छोड़नी पड़ेगी तो वह नौकरी भी छोड़ सकती हैं। हालांकि इजरायल मूल की यहूदी होने के नाते इजरायल में चल रहे संघर्ष से वह काफी दुखी हैं। उनका कहना है कि इजरायल में तमाम उनके रिश्तेदार रहते हैं। ऐसे में वहां पर जब सायरन बज जाता है तो लोग अपनी जान बचाने के लिए बंकरों में छिप जाते हैं। जब बमबारी होती है तो बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं।
'इजरायल में संघर्ष खत्म होना चाहिए'
इजरायल को लेकर भारत के रुख का वह समर्थन करती हैं। उनका कहना है कि इजरायल में संघर्ष खत्म होना चाहिए। युद्ध विराम लगे और शांति की बहाली होनी चाहिए। ईशा बेंजामिन का दावा है कि वह किन्नर अखाड़े से जुड़ने और महंत की पदवी मिलने के बाद न केवल देश में बल्कि विदेश यानी अपने मूल देश इजरायल में भी सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहती हैं। वह सनातन धर्म का भगवा भारत से लेकर इजरायल तक फहराना चाहती हैं।
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