इलाहाबाद हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद पुलिस कमिश्नरेट प्रयागराज की कैंट थाना पुलिस और एसओजी सिटी व एसओजी यमुनानगर की संयुक्त टीमों ने फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है।
फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट बनाता था गैंग : हाईकोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने किया पर्दाफाश, दो आरोपी गिरफ्तार
Nov 05, 2024 19:31
Nov 05, 2024 19:31
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका संख्या 26077/2024 याचिकाकर्ता श्रीमती शिवानी व अन्य की ओर से दाखिल की गई थी।
- याचिका में शादीशुदा जोड़े द्वारा अदालत से सुरक्षा की मांग की गई थी। जिसमें फर्जी सर्टिफिकेट लगाया था।
- हाईकोर्ट के आदेश के बाद मैरिज सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच प्रयागराज पुलिस की ओर से की गई।
- पुलिस की जांच में हाईकोर्ट में याचियों की ओर से लगाया गया मैरिज सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया
कैंट थाने में शिकायत दर्ज
डीसीपी सिटी अभिषेक भारती के मुताबिक, गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। गिरफ्तार अभियुक्तों में 42 वर्षीय राजा उर्फ शेषमणि दुबे कर्नलगंज थाना क्षेत्र के कटरा का रहने वाला है, जबकि दूसरा अभियुक्त 41 वर्षीय अनिल कुमार प्रजापति धूमनगंज थाना क्षेत्र के कसारी मसारी चकिया का रहने वाला है। पुलिस गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ अग्रिम विधिक कार्रवाई कर रही है।
अदालत से सुरक्षा की मांग
डीसीपी सिटी अभिषेक भारती के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट में रिट याचिका संख्या 26077/2024 याचिकाकर्ता श्रीमती शिवानी व अन्य की ओर से दाखिल की गई है। इस याचिका में शादीशुदा जोड़े द्वारा अदालत से सुरक्षा की मांग की गई थी। याचियों की ओर से कोर्ट में पेश किया गया मैरिज सर्टिफिकेट आर्य समाज कृष्ण नगर प्रयागराज 529, के एल कृष्णाश नगर कीडगंज प्रयागराज उत्तर प्रदेश, कैंप कार्यालय 40/ए/4/ए माधवपुर पट्टी खारकोनी नैनी प्रयागराज द्वारा जारी किया गया था।
फर्जी पाया गया था सर्टिफिकेट
हाईकोर्ट के आदेश के बाद मैरिज सर्टिफिकेट की सत्यता की जांच प्रयागराज पुलिस की ओर से की गई। पुलिस की जांच में हाईकोर्ट में याचियों की ओर से लगाया गया मैरिज सर्टिफिकेट फर्जी पाया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इस संस्था द्वारा ऐसा कोई मैरिज सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। यह फर्जी मैरिज सर्टिफिकेट याचियों द्वारा अपने सहयोगियों के जरिए कोर्ट से अनुचित लाभ लेने के लिए दाखिल किया गया था। इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है।