प्रयागराज में निवास कर रहे न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे जस्टिस मालवीय ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली...
नहीं रहे जस्टिस गिरधर मालवीय : पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रपौत्र, बीएचयू के चांसलर भी थे, काशी और प्रयागराज से गहरा लगाव रहा
Nov 18, 2024 13:15
Nov 18, 2024 13:15
- न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने ली अंतिम सांस
- शहर में शोक की लहर
- पीएम मोदी के रहे प्रस्तावक
बीएचयू दीक्षांत समारोह में व्हीलचेयर पर पहुंचे थे
न्यायमूर्ति गिरिधर मालवीय का निधन उनके जॉर्जटाउन स्थित आवास पर सुबह करीब 6:30 बजे हुआ। इस दुखद घटना की सूचना मिलते ही बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन प्रयागराज के लिए रवाना हो गए। उनके अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव शरीर को जॉर्ज टाउन स्थित आवास पर रखा गया और शाम 4 बजे रसूलाबाद घाट पर उनकी अंत्येष्टि संपन्न हुई। हाल ही में आयोजित बीएचयू दीक्षांत समारोह में न्यायमूर्ति मालवीय व्हीलचेयर पर पहुंचे थे।
पीएम मोदी के रह चुके हैं प्रस्तावक
गिरिधर मालवीय 2014 और 2019 में वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी के प्रत्याशी के प्रस्तावक के रूप में भी सुर्खियों में रहे। उनके निधन की खबर से प्रयागराज में शोक की लहर दौड़ गई। न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभाते रहे थे और उनके कार्यों की वजह से वह शहर के प्रतिष्ठित और आदरणीय व्यक्तित्वों में से एक माने जाते थे। उनके निधन पर राजनीतिक दलों के नेताओं, अधिवक्ताओं, डॉक्टरों, कारोबारियों और शहर के नागरिकों ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
गिरधर मालवीय के बारे में
न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे और काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कुलाधिपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके थे। उनका जन्म 14 नवंबर 1936 को वाराणसी में हुआ था। गिरधर मालवीय महामना पंडित मदनमोहन मालवीय के पौत्र और पंडित गोविंद मालवीय के इकलौते पुत्र थे। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई पूरी की और जल्द ही भारतीय न्यायपालिका में अपनी पहचान बनानी शुरू कर दी। 14 मार्च 1988 को उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभाला और 1998 में सेवानिवृत्त हुए। सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने तीन वर्षों तक उत्तर प्रदेश सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
कई महत्वपूर्ण पदों पर किया कार्य
न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर सेवाएं दीं। 2019 में उन्हें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया, जबकि 2018 में वह बीएचयू के कुलाधिपति भी चुने गए थे। उनके बेटे एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हैं और पश्चिम बंगाल पुलिस में उच्च पद पर तैनात हैं। न्यायपालिका से सेवानिवृत्ति के बाद भी गिरधर मालवीय ने सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों में अपनी सक्रियता बनाए रखी।
गंगा सफाई अभियान में अग्रणी भूमिका
गंगा की सफाई और संरक्षण के प्रति उनके प्रयास उल्लेखनीय थे। गिरधर मालवीय गंगा सफाई अभियान में अग्रणी भूमिका निभाते रहे और उन्हें गंगा महासभा का अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया था। उनके इस योगदान ने न केवल पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा दिया बल्कि गंगा नदी के संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने समय को सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में समर्पित किया, जिससे उन्हें समाज में एक सम्मानित और प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में पहचान मिली।
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