महाकुंभ की तैयारियों में डिजिटल तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। जिससे भूमि आवंटन और सुविधाओं के वितरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाया गया है...
डिजिटल महाकुंभ : एक क्लिक पर मिलेगा भूमि और सुविधा आवंटन का स्टेटस, ऑनलाइन से प्रक्रिया हुई आसान
Dec 30, 2024 15:56
Dec 30, 2024 15:56
एक क्लिक में मिलेगा भूमि और सुविधाओं का स्टेटस
महाकुंभ के आयोजन के लिए तैयारियों का दौर बहुत पहले से शुरू हो चुका है और अब डिजिटल तकनीक की मदद से भूमि आवंटन और सुविधा वितरण की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन की जा रही है। अब श्रद्धालु और संस्थाएं "महाकुंभ भूमि एवं सुविधा आवंटन" पोर्टल पर जाकर एक क्लिक से अपनी भूमि और दी जाने वाली सुविधाओं का स्टेटस देख सकते हैं। यह पोर्टल पूरी पारदर्शिता के साथ भूमि आवंटन और आवश्यक सुविधाओं के बारे में ताजातरीन जानकारी प्रदान करता है। इस ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से आवेदक न केवल अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं, बल्कि वे अपने द्वारा प्राप्त भूमि और सुविधाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रक्रिया बेहद सरल और यूजर फ्रेंडली है। जिससे आवेदनकर्ताओं को समय की बचत और परेशानी से बचने में मदद मिल रही है।
महाकुंभ में भूमि आवंटन के लिए डिजिटलीकरण का महत्व
महाकुंभ 2019 में 5500 से अधिक संस्थाओं का पूरी तरह से डिजिटलीकरण किया गया था, जबकि इस बार 10,000 से अधिक संस्थाओं के लिए भूमि आवंटन किया जाएगा। इसमें सरकारी आपातकालीन, सामाजिक और धार्मिक संस्थाएं शामिल हैं। पिछले वर्षों में जो प्रक्रियाएं कतारों में खड़े होकर पूरी होती थीं अब वह पूरी तरह से ऑनलाइन हो गई हैं। जिससे हर एक संस्थान को बिना किसी लंबी प्रतीक्षा के अपनी भूमि और सुविधाएं मिल सकती हैं। इस डिजिटल प्रणाली से न केवल संस्थाओं को बल्कि आम श्रद्धालुओं को भी राहत मिलेगी, क्योंकि वे अपनी आवश्यकता की हर जानकारी और स्टेटस बिना किसी परेशानी के देख सकेंगे। इसके अलावा यह प्रणाली पारदर्शिता की भी मिसाल पेश कर रही है, क्योंकि श्रद्धालु अपनी भूमि और सुविधाओं की पूरी जानकारी देख सकते हैं और कोई भी समस्या उत्पन्न होने पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
मॉडर्न तकनीक के जरिए उच्च गुणवत्ता की सेवाएं
इस बार महाकुंभ के आयोजन में मॉडर्न तकनीक का इस्तेमाल करते हुए सभी महत्वपूर्ण स्थानों को गूगल मैप्स पर दर्शाया गया है। आपातकालीन सेवाएं, थाने, अस्पताल, पार्किंग क्षेत्र, वेंडिंग ज़ोन और अन्य जरूरी स्थान अब श्रद्धालुओं के लिए गूगल मैप्स पर उपलब्ध हैं जिससे उन्हें आयोजन स्थल पर पहुंचने में आसानी होगी। मेला प्राधिकरण ने इस बार ड्रोन सर्वेक्षण का भी उपयोग किया है, जिससे जमीन की टोपोग्राफी और भू-भाग का सटीक नक्शा तैयार किया गया है। इसके माध्यम से न केवल भूमि का सटीक आवंटन किया जाएगा, बल्कि संबंधित जगह की स्थिति और उपयोगिता का भी सही अनुमान लगाया जा सकेगा।
भूमि आवंटन और सुविधा वितरण की पारदर्शी प्रक्रिया
इस डिजिटल प्रणाली से संबंधित सभी जानकारी एक साथ उपलब्ध है। उदाहरण के लिए, यदि कोई संस्था अपनी भूमि और सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहती है तो वह पोर्टल पर जाकर बिना किसी परेशानी के यह जानकारी प्राप्त कर सकती है। इसके अलावा पंजीकरण के बाद किसी भी कमी के बारे में आवेदक अपनी आपत्ति भी दर्ज कर सकते हैं। जिससे प्रक्रिया को और भी पारदर्शी और भरोसेमंद बनाया जा रहा है।
महाकुंभ में दोगुने क्षेत्रफल और सुविधाओं के साथ
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के लिए सरकार ने महाकुंभ क्षेत्रफल को दोगुना कर दिया है। जहां पहले 18 सेक्टरों में आयोजन होता था। अब यह 25 सेक्टरों में फैला होगा। इसके अलावा जाने की संख्या भी सात से बढ़ाकर दस कर दी गई है। जिससे अधिक श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के आयोजन में शामिल हो सकेंगे।
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