उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ को एक ऐतिहासिक और भव्य आयोजन बनाने की तैयारी में जुटी है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा के तट पर अविस्मरणीय अनुभव देने के लिए सरकार...
महाकुंभ में दुनिया की प्रमुख हस्तियां होंगी शामिल : विदेशी मेहमान, सेना के अधिकारी और प्रमुख संत गंगा आरती में लेंगे भाग
Nov 13, 2024 14:32
Nov 13, 2024 14:32
महाकुंभ में शामिल होने के लिए लालायित है विदेशी
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ को एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आयोजन में बदलने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इस बार महाकुंभ में सम्मिलित होने के लिए विदेशों से कई अतिथि आ रहे हैं। इजरायल, अमेरिका, फ्रांस और अन्य देशों के प्रमुख राजनयिक, संत और धार्मिक नेता इस आयोजन में शामिल होने के लिए आतुर हैं। इसके अलावा इन देशों के उच्च सैन्य अधिकारी भी महाकुंभ की भव्यता और गंगा आरती के अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनने के लिए आ रहे हैं। महाकुंभ में भाग लेने के लिए विदेशी मेहमानों ने विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने की इच्छा व्यक्त की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साख और सम्मान लगातार बढ़ रहा है। गंगा आरती में इन प्रमुख अतिथियों का शामिल होना महाकुंभ की दिव्यता और अंतरराष्ट्रीय पहचान को और भी मजबूत करेगा।
भारत के प्रमुख संतों का महाकुंभ में होगा सम्मान
महाकुंभ के दौरान गंगा आरती में भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों से आए संतों का सम्मान भी किया जाएगा। हरिहर गंगा आरती समिति के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा ने बताया कि इस आयोजन में खासतौर पर उन संतों का सम्मान होगा जो भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं को समर्पित हैं। काशी से लेकर हरिद्वार तक भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों के संत महाकुंभ के इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ-साथ यह संत महाकुंभ को यादगार बनाने के लिए अपनी आशीर्वाद देंगे।
अयोध्या के संत करेंगे पौधरोपण
महाकुंभ को और भी अविस्मरणीय बनाने के लिए अयोध्या के प्रसिद्ध संतों ने एक खास पहल की है। राम वैदेही मंदिर के प्रमुख संत स्वामी दिलीप दास त्यागी के नेतृत्व में अयोध्या के संत महाकुंभ के दौरान पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम उठाएंगे। इन संतों ने महाकुंभ के दौरान एक लाख ग्यारह हजार पौधे लगाने का संकल्प लिया है। जिसका उद्देश्य न केवल पर्यावरण को संरक्षित करना है, बल्कि संतों द्वारा यह संदेश देना है कि धार्मिक आयोजन और पर्यावरण की सुरक्षा दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। स्वामी दिलीप दास जी ने कहा कि इस पौधरोपण से महाकुंभ का महत्व और बढ़ेगा और यह आयोजन आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यादगार रहेगा।
यह है महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है जो हर 12 साल में एक बार होता है। यह आयोजन केवल भारत के तीर्थ स्थल प्रयागराज (इलाहाबाद) तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्व भर में हिन्दू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व के रूप में माना जाता है। इस बार महाकुंभ में जो विशेषताएं जोड़ी जा रही हैं वह इसे पहले से कहीं ज्यादा भव्य और ऐतिहासिक बना देंगी। गंगा आरती के माध्यम से महाकुंभ का आयोजन भारतीय संस्कृति और परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा। विदेशी मेहमानों के अलावा भारतीय सेना के उच्च अधिकारियों का भी इस कार्यक्रम में शामिल होना देश की एकता और सांस्कृतिक धरोहर की ओर एक सकारात्मक संदेश भेजेगा।
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