प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राओं ने शाम के समय मोमबत्तियां और मोबाइल की लाइटें जलाकर नारेबाजी की। इसके साथ ही ड्रम, थाली और खाली पानी की बोतलें बजाकर आयोग और यूपी सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया...
UPPSC परीक्षा विवाद : लगातार तीसरे दिन भी आंदोलन जारी, छात्रों ने मोमबत्ती जलाकर और ड्रम बजाकर किया विरोध
Nov 13, 2024 20:43
Nov 13, 2024 20:43
- प्रतियोगी छात्रों का लगातार तीसरे दिन भी आंदोलन
- यूपी लोक सेवा आयोग के फैसले का विरोध जारी
- मोमबत्ती जलाकर छात्रों ने किया प्रदर्शन
छात्रों ने जताया विरोध
प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं का कहना है कि जब तक यूपी पीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में नहीं कराई जाएगी और नॉर्मलाइजेशन का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उनका विरोध विशेष रूप से आयोग के नए फैसले पर है, जिसे वे छात्रों के हित में नहीं मानते। छात्रों का यह भी कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे।
आयोग ने क्या कहा
वहीं, यूपी लोक सेवा आयोग अपने फैसले पर अड़ा हुआ है और उसने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के तहत दो दिन में परीक्षा कराने का निर्णय छात्रों के लिए फायदेमंद है। आयोग का तर्क है कि इस व्यवस्था से परीक्षा की पारदर्शिता बढ़ेगी और परीक्षा प्रक्रिया बेहतर होगी, हालांकि छात्र इस तर्क से संतुष्ट नहीं हैं और अपना विरोध जारी रखे हुए हैं।
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ये है पूरा विवाद
मुख्य विवाद का कारण आयोग द्वारा UP PCS और RO/ARO की परीक्षाओं को दो शिफ्टों में आयोजित करने का निर्णय है। अगर परीक्षा एक से अधिक शिफ्टों में होती है, तो उसका मूल्यांकन नॉर्मलाइजेशन विधि से किया जाएगा। आयोग ने एक नोटिस जारी कर बताया कि परीक्षा के लिए परसेंटाइल विधि का उपयोग किया जाएगा, खासकर उन परीक्षाओं के लिए जो दो या अधिक दिनों में आयोजित की जाती हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 2024 की PCS प्रारंभिक परीक्षा और 2023 की RO/ARO भर्ती परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू की जाएगी और उम्मीदवारों के परसेंटाइल स्कोर की गणना के लिए जो फॉर्मूला अपनाया जाएगा, वह सार्वजनिक कर दिया गया है। इस निर्णय से अभ्यर्थी नाराज हैं और उनका कहना है कि यह प्रक्रिया उनके लिए असंगत हो सकती है।
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया
नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के अनुसार, अगर किसी उम्मीदवार को 70 प्रतिशत अंक मिलते हैं, तो उस शिफ्ट में 70% या उससे कम अंक पाने वाले सभी उम्मीदवारों की संख्या को कुल उपस्थित उम्मीदवारों की संख्या से विभाजित किया जाएगा और फिर उसे 100 से गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी शिफ्ट में कुल 18,000 उम्मीदवार हैं और 15,000 उम्मीदवारों ने 70 प्रतिशत या उससे कम अंक प्राप्त किए हैं, तो उस उम्मीदवार का परसेंटाइल स्कोर 83.33 प्रतिशत होगा (15000/18000 x 100)। इस विधि से अभ्यर्थियों को मूल्यांकन में बदलाव महसूस हो सकता है, जो उनके विरोध का कारण बन रहा है।
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प्रतियोगी छात्र दीपक सिंह ने बताया कि यह फैसला सही समय पर लिया गया है और मुख्यमंत्री ने छात्रों के हित में एक बार फिर अपने संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचय दिया है। उनका कहना था कि इस निर्णय से छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा और वे परीक्षा की तैयारी में निश्चिंतता महसूस करेंगे। और पढ़ें