प्रयागराज महाकुंभ-2025 : निखर-संवर रहे हैं कुंभ नगरी के द्वादश माधव मंदिर, परिसर की दीवारों पर की जा रही सांस्कृतिक पेंटिंग

निखर-संवर रहे हैं कुंभ नगरी के द्वादश माधव मंदिर, परिसर की दीवारों पर की जा रही सांस्कृतिक पेंटिंग
UPT | दीवारों पर की जा रही पेंटिंग

Oct 26, 2024 17:06

संगम के अलावा, द्वादश माधव और पंचकोशी परिक्रमा जैसे धार्मिक स्थलों की भी यहां बड़ी संभावनाएं हैं, जिन्हें पर्यटन विभाग तेजी से विकसित करने पर काम कर रहा है...

Oct 26, 2024 17:06

Short Highlights
  • द्वादश माधव के मंदिरों के कायाकल्प का कार्य समापन की ओर
  • लगभग 12 करोड़ से हो रहा सौंदर्यीकरण
  • पेंट माय सिटी के अंतर्गत चित्रित हो रही है संस्कृति
Prayagraj News : संगम नगरी प्रयागराज अपनी धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जानी जाती है। योगी सरकार के द्वारा 2019 में आयोजित कुम्भ के शानदार और स्वच्छ आयोजन ने इस शहर को वैश्विक पहचान दिलाई, जिससे यहां पर्यटन के नए अवसरों का निर्माण हुआ है। संगम के अलावा, द्वादश माधव और पंचकोशी परिक्रमा जैसे धार्मिक स्थलों की भी यहां बड़ी संभावनाएं हैं, जिन्हें पर्यटन विभाग तेजी से विकसित करने पर काम कर रहा है।

द्वादश माधव कुम्भ नगरी की आध्यात्मिक पहचान
कुंभ नगरी प्रयागराज पौराणिक मंदिरों का शहर है। इसे तीर्थराज भी कहा जाता है। इन मंदिरों में भी द्वादश माधव कुम्भ नगरी की आध्यात्मिक पहचान है। इन द्वादश माधव के मंदिरों के कायाकल्प के लिए योगी सरकार का संकल्प धरातल पर उतर रहा है। यूपी राज्य पर्यटन विभाग इन बारह माधव के मंदिरों को पर्यटन के नक्शे में विशेष स्थान देने में लगा हुआ है। 



कायाकल्प का कार्य समापन की ओर
अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि महाकुंभ के पूर्व द्वादश माधव के मंदिरों का पुनरोद्धार किया जा रहा है। कायाकल्प का कार्य समापन के निकट है और अंतिम चरण पर कार्य चल रहा है। इसका तकरीबन 85 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। कुल 12.34 करोड़ की लागत से इन प्राचीन पौराणिक मंदिरों को नव्य स्वरूप दिया जा रहा है। 

प्राचीन मंदिरों से जुड़ी हैं मान्यताएं
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र कुंभ क्षेत्र के अलावा प्रयागराज के प्राचीन मंदिर भी हैं, जिनके साथ यहां की पौराणिक मान्यता जुड़ी हुई है। मंदिरों के इस समूह में द्वादश माधव मंदिर समूह सर्वप्रथम है जिनकी मूल संरचना को संरक्षित रखते हुए उनका पुनरोद्धार हो रहा है।

दीवारों पर की जा रही पेंटिंग
अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी का कहना है कि इन मंदिरों में थीम पर आधारित प्रवेश द्वार, म्यूरल्स, रेड सैंड स्टोन से बने साइनजेज, सत्संग भवन, बैठने के लिए बेंचेस, फ्लोरिंग, पेय जल की व्यवस्था, टॉयलेट्स,  बाउंड्री वॉल और ग्रीनरी का विकास किया गया है। परिसर में ट्री पेंटिंग के अलावा पेंट माय सिटी अभियान की धार्मिक और आध्यात्मिक प्रतीकों को भी चित्रित किया जाएगा।

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