बंदरों के आतंक से लोगों में दहशत : मथुरा से आएगी मंकी कैचर टीम, एक को पकड़ने का इतने रुपये तक भुगतान

मथुरा से आएगी मंकी कैचर टीम, एक को पकड़ने का इतने रुपये तक भुगतान
UPT | बंदरों की सांकेतिक फोटो

Sep 06, 2024 15:09

प्रयागराज में बंदरों के बढ़ते खौफ से लोगों को आर्थिक और मानसिक समस्या से जूझना पड़ रहा है। शहर के अलग-अलग वार्डों और स्थानों से सैकड़ों लोगों ने बंदरों को लेकर अपनी समस्या के बारे में जानकारी दी।

Sep 06, 2024 15:09

Short Highlights
  • बंदरों को पकड़ने की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू हो जाएगी
  • पकड़े गए बंदरों को पास के जंगल में छोड़ दिया जाएगा
  • शहर में लगभग 500 बंदर उत्पाद मचा रहे हैं
Prayagraj News : प्रयागराज में हाल ही में बंदरों के आतंक बढ़ गया है। इस समस्या के समाधान के लिए मथुरा से एक मंकी कैचर टीम को बुलाया जाएगा। एक माह के भीतर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू कर दिया जाएगा। नगर निगम की ओर से मंकी कैचर को एक बंदर पकड़ने के लिए 440 से 740 रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रयागराज के विभिन्न इलाकों जैसे अल्लापुर, दारागंज, अलोपीबाग, बघाड़ा, जीरो रोड, झूसी, नैनी, और फाफामऊ में बंदरों का आतंक तेजी से बढ़ रहा है, और प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक लोग बंदरों का शिकार बन रहे हैं। बंदरों से सुरक्षा के लिए जड़ियन टोल, कीडगंज, टैगोर टाउन, और अल्लापुर जैसे क्षेत्रों में लोगों ने छतों और बालकनी को रेलिंग लगाकर सुरक्षित कर दिया है।

आर्थिक और मानसिक तनाव से जूझ रहें लोग
प्रयागराज में बंदरों के बढ़ते आतंक के कारण लोगों को गंभीर आर्थिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शहर के विभिन्न वार्डों और क्षेत्रों से सैकड़ों लोगों ने बंदरों के कारण उत्पन्न समस्याओं की जानकारी दी है। बंदरों को पकड़ने की प्रक्रिया अगले महीने से शुरू की जाएगी, और पकड़े गए बंदरों को पिंजड़ों में बंद कर पास के जंगलों में छोड़ा जाएगा। अनुमान के अनुसार, शहर में लगभग 500 बंदर हैं जो अलग-अलग समूहों में निवास करते हैं। नगर निगम के 100 वार्डों में से लगभग 30 वार्डों में वर्षों से बंदरों के उत्पात के चलते लोग काफी परेशान हैं। बंदरों की टोलियां अब बेखौफ होकर घरों में घुस जाती हैं और वहां रखे सामान को नुकसान पहुंचाती हैं।

बंदरों को पकड़ने के लिए बुलाई मथुरा की टीम
लोगों के अनुसार, जब वे बंदरों को भगाने की कोशिश करते हैं, तो हिंसक बंदर अक्सर उन्हें काटने तक के लिए दौड़ पड़ते हैं। रेलवे स्टेशन और बस अड्डा के आसपास बंदरों के झुंड अक्सर देखे जाते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष योजना बनाई जा रही है। अगले महीने से मथुरा से एक टीम को बुलाया जाएगा, जो बंदरों को पकड़ने का काम करेगी। यह टीम बंदरों को पिंजड़ों में बंद करके, फिर उन्हें जंगलों में छोड़ देगी।

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