नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाए जाने के विरोध में प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार 11 नवंबर को लोक सेवा आयोग भवन के गेट पर गांधीवादी तरीके से शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
यूपी लोक सेवा आयोग : परीक्षा शेड्यूल के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का धरना-प्रदर्शन, नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का विरोध
Nov 09, 2024 23:32
Nov 09, 2024 23:32
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग के फैसले से वह मानसिक रूप से परेशान हैं
प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि वह किसी तरह की हिंसा में शामिल नहीं होंगे। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग के इस फैसले से प्रतियोगी छात्र मानसिक रूप से परेशान हैं। प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि पहले ही दोनों भर्ती परीक्षाओं में अब काफी विलंब हो चुका है, 9 नवंबर 2023 में आरओ/एआरओ भर्ती के लिए विज्ञापन जारी हुआ था, जिसके लिए भर्ती परीक्षा 11 फरवरी 2024 का आयोजित हुई, लेकिन पेपर लीक के चलते छात्रों के आंदोलन के बाद यह परीक्षा रद्द कर दी गई। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने 6 माह में पारदर्शी ढंग से परीक्षा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन यह परीक्षा अक्टूबर 2024 में भी नहीं हो पाई। इसी तरह से पीसीएस प्री-2024 परीक्षा भी तीन बार टाली जा चुकी है।
यह परीक्षा सिर्फ 41 जिलों में कराई जा रही
अब 7 और 8 दिसंबर 2024 को पीसीएस प्री 2024 परीक्षा का शेड्यूल जारी किया गया है। यह परीक्षा सिर्फ 41 जिलों में कराई जा रही है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि दो दिनों में परीक्षा कराए जाने से आयोग इसमें नॉर्मलाइजेशन करेगा। जिससे छात्रों को नुकसान होगा, इसलिए प्रतियोगी छात्र 2 दिन में परीक्षा करने का विरोध कर रहे हैं। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि पीसीएस प्री 2024 में सिर्फ 5 लाख 76 हजार अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किया है। ऐसे में इस परीक्षा को वन डे वन शिफ्ट में बगैर नर्मलाइजेशन कराया जा सकता है। इसके अलावा आरओ/एआरओ 2023 की प्रारंभिक परीक्षा भी 22 और 23 दिसंबर को कराई जा रही है। इसमें करीब 11 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस परीक्षा में भी प्रतियोगी छात्रों के सामने वही समस्या आ रही है।
क्योंकि छात्रों का कहना है की 15 अक्टूबर 2024 को आयोग में उन्होंने ज्ञापन दिया था। जिसमें एक दिन एक शिफ्ट में परीक्षा कराई जाने और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को ना अपनाए जाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी आयोग की ओर से अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। जबकि इस मामले में फूलपुर से बीजेपी सांसद प्रवीण पटेल समेत कई जनप्रतिनिधियों को भी ज्ञापन दिया जा चुका है। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि यह अफसोस का विषय है कि जिस समय उन्हें बंद कमरे में परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए उसे समय वह आयोग के बाहर धरना प्रदर्शन को मजबूर हो रहे हैं। प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि जब तक आयोग से वन डे वन शिफ्ट एग्जाम को लेकर उन्हें कोई आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
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