छात्रों और पुलिस के बीच फिर तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई इस झड़प में छात्रों ने नाराजगी जताते हुए पुलिस पर बैरिकेडिंग और अन्य वस्तुएं फेंकी।
UPPSC परीक्षा विवाद : छात्रों और पुलिस में फिर झड़प, प्रदर्शनकारियों ने तोड़ी बैरिकेडिंग
Nov 14, 2024 11:45
Nov 14, 2024 11:45
- छात्रों का आंदोलन अब चौथे दिन भी पूरे जोश के साथ जारी है।
- छात्रों ने पुलिस पर बैरिकेडिंग और अन्य वस्तुएं फेंकी।
- पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई झड़प
छात्रों और पुलिस के फिर झड़प
आज सुबह से ही छात्रों और पुलिस के बीच फिर तनावपूर्ण माहौल बना रहा। पुलिस ने आयोग के बाहर कई स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और आयोग के भवन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। बड़ी संख्या में छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों के बीच हुई इस झड़प में छात्रों ने नाराजगी जताते हुए पुलिस पर बैरिकेडिंग और अन्य वस्तुएं फेंकी। इसके चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई और प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था बढ़ानी पड़ी।
वार्ता के प्रस्ताव को छात्रों का इंकार
पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों से वार्ता के लिए आयोग के साथ एक प्रतिनिधिमंडल तैयार करने का सुझाव दिया। अधिकारियों ने प्रस्ताव रखा कि वे छात्रों और आयोग के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं ताकि कोई समाधान निकाला जा सके। लेकिन, प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उनका कहना है कि वे किसी भी प्रकार की वार्ता नहीं करना चाहते, बल्कि उनका एकमात्र उद्देश्य है कि आयोग अपने हालिया निर्णय को वापस ले। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, आयोग ने छात्रों के हितों के खिलाफ मनमाने तरीके से फैसला लिया है। उनका मानना है कि बातचीत करने से उनकी मांगें नजरअंदाज हो सकती हैं, इसलिए वे सीधा आयोग के निर्णय को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जैसे ही आयोग अपना फैसला वापस लेगा और नोटिस जारी करेगा वे आंदोलन को स्वतः समाप्त कर देंगे।
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परीक्षा में बदलाव और नॉर्मलाइजेशन प्रणाली का विरोध
इस प्रदर्शन की मुख्य वजह छात्रों का यूपीपीसीएस 2024 और आरओ-एआरओ (रिव्यू ऑफिसर-असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर) भर्ती परीक्षाओं के लिए आयोग द्वारा की गई कुछ बदलावों का विरोध करना है। छात्रों की मांग है कि इन परीक्षाओं को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए ताकि सभी प्रतिभागियों को समान अवसर मिल सके। इसके अलावा वे नॉर्मलाइजेशन प्रणाली का भी कड़ा विरोध कर रहे हैं। छात्रों का मानना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रणाली उनकी मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ है। नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत विभिन्न शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं के परिणामों को एक निश्चित पैमाने पर लाया जाता है। जिससे उनके स्कोर में अनावश्यक फेरबदल होता है। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि यह प्रणाली निष्पक्षता और पारदर्शिता को कमजोर करती है और वे इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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चौथे दिन भी सड़क पर डटे प्रदर्शनकारी
आंदोलन के चौथे दिन भी बड़ी संख्या में छात्र यूपीपीएससी मुख्यालय के बाहर जमा हैं। युवा अभ्यर्थियों के इस आंदोलन में उनके दृढ़ निश्चय को साफ देखा जा सकता है। कई छात्र दिन-रात विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं और अपनी मांगों के समर्थन में सड़कों पर बैठे हुए हैं। इस दौरान छात्रों ने आयोग के फैसले को अन्यायपूर्ण करार दिया और जोर देकर कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
प्रशासन और पुलिस की रणनीति
प्रदर्शन के चौथे दिन पुलिस और प्रशासन ने अतिरिक्त बल तैनात किया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। छात्रों के लगातार बढ़ते आक्रोश को देखते हुए अधिकारी सतर्क हैं और किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस और प्रशासन की ओर से छात्रों को शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने का निर्देश दिया गया है, परंतु छात्रों की नाराजगी के चलते स्थिति में स्थिरता बनाए रखना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
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प्रतियोगी छात्र दीपक सिंह ने बताया कि यह फैसला सही समय पर लिया गया है और मुख्यमंत्री ने छात्रों के हित में एक बार फिर अपने संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचय दिया है। उनका कहना था कि इस निर्णय से छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा और वे परीक्षा की तैयारी में निश्चिंतता महसूस करेंगे। और पढ़ें